Poem को समझने के लिए वीडियो जरूर देंखें।
1.
The curfew tolls the knell of parting
day,
The lowing herd winds slowly o'er the
lea,
The ploughman homeward plods his weary
way,
And leaves the world to darkness and to
me.
Word meanings : curfew= सायंकालीन घण्टी,
tolls = बजती है, , knell – मृत्यु सूचक घण्टी. parting day– छिपता दिन,
lowing = रम्भाते हुए, herd = झुंड,
wind = टेढ़े मेढ़े चलना, lea = चरागाह, ploughman = किसान, homeward =घर की ओर,
plods = धीरे-धीरे चलना, weary = थका
हुआ |
इस समय कवि चर्च के पास एक गॉंव के बाहर खड़ा है। इस चर्च के पास एक कब्रिस्तान भी है। चर्च की घंटियाँ शाम का संकेत देती हैं। यह घंटी दिन के अंत का प्रतीक है। पहली ही पंक्ति में कवि ने दुःख का संकेत दिया है। कवि देखता है कि जानवरों का एक झुंड टेढ़ी - मेढ़ी चाल से चलता हुआ चारागाह की ओर जा रहा है। किसान भारी कदमों से धीरे-धीरे अपने घर की ओर थके हुए रास्ते पर चला जा रहा है। जैसे ही वह अपने घर पहुँचेगा, यह शाम रात में बदल जाएगी और पूरी दुनिया और मैं भी इस पूर्ण अंधकार में खो जायेंगें यानि किसान घर पहुँचते-पहुँचते थक जाएगा और मुझे और इस दुनिया को अँधेरे में छोड़ कर, अपने घर में व्यस्त हो जाएगा।
At this time the poet is standing outside a village near the church. There is also a cemetery near this church. Church bells indicate evening. This bell marks the end of the day. In the very first line, the poet has indicated sorrow. The poet sees a herd of animals going towards the pasture. The farmer is walking on a weary path slowly towards his home with heavy steps. As soon as he reaches his home, this evening will turn into night and the whole world and I will also be lost in this complete darkness i.e. the farmer will be tired by reaching home and will be busy in his home, leaving me and this world in the dark.
2.
Now fades the glimmering landscape on the
sight,
And all the air a solemn stillness holds,
Save where the beetle wheels his droning
flight,
And drowsy tinklings lull the distant
folds:
fades-धुंधला पड़ जाना, glimm'ring- मन्द प्रकाश, landscape- परिदृश्य, sight- दृष्टि, solemn- शान्त, stillness - स्थिरता, holds-पकड़ना, beetle- भृंग, droning flight- ड्रोन उड़ान, drowsy- सुस्त/मद्धम, tinklings- झनझनाहट, lull- (लोरी)सुलाना, distant- दूर, folds- भेड़ों का बाड़ा
व्याख्या-कवि वर्णन करता है कि सूर्य पूरी तरह अस्त होने वाला है। इसलिए कुछ समय पहले तक जो प्राकृतिक भू भाग सूर्य के प्रकाश में चमक रहे थे, वे अब दृष्टि से ओझल होते जा रहे हैं। शाम के समय का माहौल खामोश होता जा रहा है क्योंकि हवा भी खामोश हो गई है। प्रकृति में इस सन्नाटे को तोड़ते हुए केवल थोड़ी बहुत हलचल हो रहीं हैं। जैसे - भृंग अपने आश्रय की तलाश में है और यह एक ड्रोन की भॉँति गोल-गोल उड़ान भर रहा है; जिससे एक प्रकार की ध्वनि उत्प्नन हो रही है जो इस शांत वातावरण को बाधित कर रही है। चर्च में बजती घंटियों को अभी भी सुना जा सकता है। वातावरण में होने वाली मद्धम झनझनाहट जैसी ध्वनियाँ भेड़-बकरियों के लिए लोरी का काम कर रही हैं ताकि ये भेड़ें दूर अपने बाड़े में अच्छी नींद का आनंद उठा सकें। पूरे वातावरण में निशब्दःता छाई हुई है।
Explanation- The poet describes that the sun is
about to set completely. Therefore, the natural areas which were shining in the
sunlight some time ago are now disappearing from sight. In the evening, the
atmosphere is becoming very silent as the air has also become silent. Breaking
this silence in nature, only a few movements are happening. For example, the
beetle is looking for its shelter and it is flying round like a drone making a
kind of sound which is disturbing this quiet environment. Ringing bells can
still be heard in the churches. Both these sounds are acting as lullabies for
the sheep so that these sheep can enjoy a sound sleep in their yard far away.
3.
Save that from yonder ivy-mantled tow'r
The moping owl does to the moon complain
Of such, as wand'ring near her secret
bow'r,
Molest her ancient solitary reign.
Yonder- सामने वाला, mantled- आच्छादित
(ढक दिया), moping- मूर्ख,
wand'ring- घूमना,
secret- गुप्त,
bow'r- घोंसले,
Molest- हमला
करना,ancient- बहुत पुराना, solitary - एकांत reign- साम्राज्य
कवि का कहना है कि शाम पूरी तरह से शांत है लेकिन कुछ ध्वनियों के कारण वातावरण में थोड़ी सी हलचल अभी भी जारी है। कवि को ऐसा लग रहा है जैसे कि सामने बने टॉवर का शीर्ष आइवी पंखों से ढक दिया गया हो। कवि की दृष्टि एक उल्लू पर पड़ती है। (उल्लू एक पक्षी है जो केवल रात में ही देख सकता है और उसका शासन (शिकार करने का कार्य) रात के अँधेरे में ही चलता है।) कवि को लगता है कि यह उल्लू मूर्ख प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि जैसे यह मुँह फुलाए हुए (नाराज़) आकाश में घूम रहा है और चंद्रमा के खिलाफ शिकायत कर रहा है। उसे लगता है कि चंद्रमा उसके गुप्त स्थान पर बने घोंसले, जिसका किसी को पता नहीं है, के पास यात्रा कर रहा है। चन्द्रमा की रोशनी में उसके गुप्त ठिकाने का सबको पता चल जाएगा। इस तरह से चन्द्रमा उसके दूर एकांत में बने बहुत पुराने साम्राज्य पर अतिक्रमण कर रहा है अर्थात उल्लू की निजता पर हमला किया जा रहा है।
उल्लू
के अनुसार चंद्रमा को कहीं चले
जाना चाहिए ताकि रात में वह अपना शासन शुरू
कर सके। क्योंकि यह उल्लू
अपना साम्राज्य तभी शुरू
कर पायेगा जब चंद्रमा
आकाश को अप्रकाशित छोड़
कर चला जायेगा।
The poet says that the evening is completely calm but due to some sounds, there is still a slight movement in the atmosphere. The poet feels as if the top of the tower in front is covered with ivy feathers. The poet's gaze falls on this owl. (The owl is a bird that can only see at night and its rule runs only in the darkness of the night.) The poet says that the foolish owl (with its mouth full) is roaming in the sky and is complaining against the moon Because he thinks that the moon is traveling near his nest built in a secret place, which no one knows. In this way, the moon is attacking a very old kingdom built in its distant solitude.
According to the owl, the moon should go somewhere so that it can start its rule in the night. Because this owl will be able to start its kingdom only when the moon leaves the sky unlighted.
4.
Where heaves the turf in many a
mould'ring heap,
Each in his narrow cell forever laid,
The rude forefathers of the hamlet sleep.
rugged-मज़बूत
ओर खुरदुरा , elms- जंगली बड़े-बड़े पेड़, yew-tree's shade- सदाबहार वृक्ष की छाँव, heaves- लहराना , turf -घास
से पाटना, mould'ring - सड़ता हुआ, heap- ढेर , narrow cell-संकरे कमरें , forever-हमेशा , rude-अशिक्षित एवं गवाँर , forefathers-पूर्वज, hamlet- छोटा
गाँव।
अब
कवि का ध्यान प्रकृति
से हटकर कब्रिस्तान की
ओर जाता है। उसकी
दृष्टि कब्रिस्तान में उगे हुए
बड़े, मजबूत और खुरदुरे जंगली
पेड़ो की ओर जाती
है। वह कहता है
कि इन बड़े बड़े
मजबूत पेड़ो के नीचे
और सदाबहार पेड़ो की छाँव
में धरती के कुछ
भाग ऊबड़ खाबड़ व ऊँचे- नीचे से दिख रहे है।
जिनके ऊपर हरी घास की परत
लहरा रही हैं। ये
ऊबड़ खाबड़ भाग सड़े
हुए ढेर में बदल
गए हैं। इन्हीं ढेरों
में, पृथ्वी के नीचे, इस
गाँव के रहने वाले
अशिक्षित एवं गवाँर पूर्वज,
अपने-अपने सँकरे कमरों
(कब्रों) में लेटकर हमेशा
के लिए सो गए
हैं। कवि को इन
साधारण व्यक्तियों की मृत्यु पर
खेद हो रहा है।
Now the poet's attention shifts from nature to the graveyard. His gaze goes towards the big, strong, and rough wild trees growing in the cemetery. He says that under these big strong trees and the shade of evergreen trees, some parts of the earth are visible high. Over whom a layer of green grass is waving. These bumpy parts have turned into rotten heaps. In these heaps, under the earth, the uneducated and impoverished ancestors of this village, lying in their narrow rooms (graves) have slept forever. The poet is feeling sorry for the death of these ordinary people.
5.
The breezy call of incense-breathing
Morn,
The swallow twitt'ring from the
straw-built shed,
The cock's shrill clarion, or the echoing
horn,
No more shall rouse them from their lowly
bed.
breezy - प्रसन्नचित्,
incense-सुगंध, Mornप्रातः, swallow-चिड़िया, twitt'ring - चहचहाना, straw-built shed- घास से बना
घोंसला, cock's shrill
clarion- मुर्गे का तेज़ बिगुल,
echoing- गूँज horn- भोंपू
(तेज़ आवाज निकालने वाली
वस्तु )
कवि कहता है
कि ये सभी चीजें
सोये हुए लोगो को
जगा सकतीं हैं लेकिन इनमें
से कोई भी आवाज
भूमिगत कब्रों के बिस्तरों में
सो रहे इन बेचारे
साधारण लोगों को नहीं जगा
सकती। ये लोग यहाँ इन
कब्रों में, हमेशा के
लिए बस गए हैं।
The poet tells about the sleeplessness of these
villagers and says that they will never be able to wake up now. Nor, the joyful
sound of the fragrant morning breath; nor the loud chirping sound of birds
sitting in their grass nests; nor the loud trumpet of a rooster, nor the
reverberating sound of a loud horn, could lift them from their bed under the
earth.
The poet says
that all these things can wake up the sleeping people but none of these sounds
can wake up these poor ordinary people sleeping in the beds of underground
graves. They have settled, here, in these tombs forever.
6.
For them no more the blazing hearth shall
burn,
Or busy housewife ply her evening care:
No children run to lisp their sire's
return,
Or climb his knees the envied kiss to
share.
blazing hearth- जलता
हुआ चूल्हा, ply - व्यस्त रहना, lisp-तुतलाना, sire's return- पिता की वापसी,
envied-चाह की वस्तु।
कवि
को इस बात का दुःख है कि
इस गाँव के लोग मृत्यु के बाद यहाँ इस
तरह दफन हैं और
उन्हें अब दुनिया की
किसी भी वस्तु या
कार्य से कोई लेना
देना नहीं है। अब
उनके लिए घरों में
कोई चूल्हा नहीं जलाया जायेगा
अर्थात अब उनके लिए
खाना नहीं बनेगा। जब
वे जिन्दा थे तो उनकी
पत्नियाँ शाम को व्यस्त
रहती थीं और उनका इंतजार करती
थीं। अब उनके मरने
के बाद, उनकी पत्नियों
द्वारा उनके (दफन लोगो के)
शाम के कार्यों की
भी परवाह नहीं की जाएगी।
उनके बच्चे घर पर उनका
इंतजार करते थे और
मधुर आवाज में बातें
करते थे। वे
अब पिता के लौटने
पर तुतलाते हुए दौड़ कर
नहीं आएंगे क्योंकि अब ये लोग
नहीं रहे। उनके मरने
के बाद, अपने पिता
को एक प्यारा सा
चुम्बन देने के लिए
,अब बच्चे न ही तो दौड़ कर आयेंगें और नाहि उनके
घुटनो का प्रयोग चढ़ने
के लिए नहीं करेंगें। कवि को बहुत दुःख है कि मृत्यु
ने उनसे ये छोटी-छोटी ख़ुशियाँ छीन
ली हैं।
The poet is sad, that the dead people of this
village are buried here like this and they no longer have anything to do with
anything or activity in the world. Now no chulha will be lit in the houses for
them, i.e. food will not be prepared for them. When they were alive, their
wives kept busy in the evening and waited for them. Now after their death,
their wives will not even care about their evening schedule. Their children
used to wait for them at home and used to talk in melodious voices. They will no
longer come running scurrying because these people
are no more. After their death, the children will no longer run and use their
knees to climb up to give their father a sweet kiss. They are buried forever.
Death has taken away these small joys from them.
7.
Oft did the harvest to their sickle
yield,
Their furrow oft the stubborn glebe has
broke;
How jocund did they drive their team
afield!
How bow'd the woods beneath their sturdy
stroke!
harvest-फसल
काटना, sickle-दराँती, yield- पैदावार (फसल) , furrow-हल से खेत
में बनी लकीरें, oft-बार-बार, stubborn-जिद्दी (कठोर ), glebe-भूमि, jocund-ज़िंदादिल (प्रसन्नचित ), team- दल (खेत जोतने वाले
जानवरो समूह), afield-खेत में, bow'd- गिरा
देना (पेड़ो को), sturdy-प्रबल,
stroke-प्रहार।
एक ओर, जहाँ कवि साधारण ग्रामीणों की मृत्यु पर दुखी है वही दूसरी ओर वह उनके द्व्रारा किये जाने वाले महत्वपूर्ण दैनिक कार्यों, जो वे अपनी मृत्यु से पहले किया करते थे, से प्रभावित है। कवि अनुमान लगाता है कि ये लोग अपने जीवन के दौरान दराँती से फसल काटा करते थे। वे इतने कठोर परिश्रमी थे कि वे अपने हल का प्रयोग करके कठोर भूमि को भी बड़ी सरलता से जोत लेते थे और खेत में लकीरें बना देते थे। कवि को आश्चर्य है कि वे लोग गरीब व साधारण होने के बावजूद भी कितनी प्रसन्नतापूर्वक अपने दल (खेत जोतने वाले जानवर) को खेतों की ओर ले जाया करते थे और मेहनत से कार्य किया करते थे। वे अपनी कठोर कुल्हाड़ी के प्रबल प्रहारों से जंगलों को भी काट दिया करते थे। कवि कहता है कि ये लोग साधारण थे परन्तु ये बहुत मेहनती थे।
On the one hand, while the poet is saddened by the
death of the ordinary villagers, on the other hand, he is thinking about the
daily work they used to do before their death. The poet guesses that these people
used to harvest crops with their sickles during their life. they were such hard
workers that they used their plow to plow the hard land very easily and made ridges
in the field. They happily led their horses and oxen to the fields in groups. They used to cut down the forests with the strong strikes of their hard axe. The poet
says that these people were simple but they were equally hardworking.
(8)
Let not Ambition mock their useful toil,
Their homely joys, and destiny obscure;
Nor Grandeur hear with a disdainful smile
The short and simple annals of the poor.
कवि इन साधारण गॉँव वालो की मेहनतकश जिंदगी से बहुत ही प्रभावित है। वह जनता है कि इनके द्वारा किये जाने वाले छोटे-छोटे कार्य , जैसे कि -खेती, आदि , बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। वह अमीर और शक्तिशाली व्यक्तियों को मृत व्यक्तियों के कार्यों की आलोचना न करने की चेतावनी देता है।
कवि
सभी को विनयपूर्वक कहता
है कि हमें महत्वाकाँक्षा
को इन साधारण और
गरीब लोगो के महत्वपूर्ण
कार्यों, छोटी छोटी घरेलू
खुशियों और उनके क्रूर
भाग्य का मजाक नहीं
बनाने देना चाहिए। वे
अपने घर की खुशियों व अपनी जिंदगी
में मासूमियत से व्यस्त रहते
थे। अगर उनकी किस्मत
बहुत क्रूर न होती तो
वे भी अमीर होते।
इसमें कोई शक नहीं
कि इन ग्रामीणों का जीवन गरीबी से भरा और इनके जीवन की कहानी बहुत
ही साधारण थी लेकिन
फिर भी दुनिया
के महान व्यक्तियों को
उनकी आलोचना करने और उन
पर तिरस्कारपूर्वक मुस्कुराने का कोई अधिकार
नहीं है। वे
अपनी गरीबी के लिए जिम्मेदार
नहीं थे। उनकी
गरीबी के लिए उनका दुर्भग्य जिम्मेदार था। मगर फिर भी
वे अपनी छोटी सी
जिंदगी में खुश थे।
The poet is very impressed by the hard-working life
of these simple village people. They know that the small tasks performed by
them, such as farming, etc., are very important. He warns the rich and powerful
not to criticize the hard work of the dead villagers.
The poet humbly tells everyone that we should not let ambition make fun of the important works, petty domestic happiness, and the cruel fate of these simple and poor people. They rejoiced in the happiness of their home. They used to be innocently busy in their life. If their fate had not been so cruel, they would have been rich too. No doubt, the life story of these villagers was full of poverty and simple but still, the great men of the world have no right to criticize them and smile contemptuously at them. They were not responsible for their poverty. Their simple and small luck was responsible for their poverty but they were happy in their short life.
9.
The boast of heraldry, the pomp of pow'r,
And all that beauty, all that wealth e'er
gave,
Awaits alike th' inevitable hour.
The paths of glory lead but to the grave.
boast- डींग
मारना, heraldry-वंशावली चिह्नों से संबंधित कला
तथा शास्त्र, pomp-आडंबर, e'er-हमेशा, Awaits, प्रतीक्षा alike-समान रूप से,
inevitable-निश्चित,
hour-क्षण, paths-रास्ते, glory-वैभव, grave- कब्र।
कवि कहता है कि संसार में चाहे आपके पास आपके वंश और कुल से सम्बंधित कितनी ही मूलयवान वस्तुए क्यों न हो; चाहे आप अपनी ताकत का कितना ही दिखावा क्यों न कर लें; चाहे आप कितने ही सुंदर क्यों न हो, या फिर आपके पास कितनी ही धन- सम्पदा क्यों न हो; परन्तु एक निश्चित पल (मृत्यु का) सभी लोगो का एक ही तरीके से इंतज़ार करता है। यह पल किसी को भी विशेष दर्जा नहीं देता।
सभी प्रकार की उपलब्धि और प्रसिद्धि इसी जीवन तक सीमित हैं और केवल मृत्यु के एक निश्चित क्षण तक ही सभी के साथ रह पाती हैं। ये सभी संसारिक वस्तुएँ और अनुभूतियाँ मृत्यु के बाद यहीं रह जाती हैं। मनुष्य अपने साथ अपनी कब्र में कुछ भी नहीं ले जा सकता। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सभी रास्ते देर-सबेर कब्रों में जाते हैं इसलिए किसी को भी अपनी भौतिक उपलब्धियों पर गर्व महसूस नहीं करना चाहिए।
The poet says that the ancestors of some persons
have been great and wealthy, so they claim their glorious past and consider
themselves superior to others. But this is his biggest mistake.
The poet says that no matter how many valuable
things you have in the world related to your lineage and family; no matter how
much you show off your strength; no matter how beautiful you are, or how much wealth you have, but a certain moment (of death) waits for all the people in
the same way. Death never treats anyone special.
Every kind of achievement and fame goes to a
certain moment of death. All walks of life go to graves sooner or later. Hence, no
one should feel proud of their worldly achievements.
10.
Nor you, ye proud, impute to these the
fault,
If Mem'ry o'er their tomb no trophies
raise,
Where thro' the long-drawn aisle and
fretted vault
The pealing anthem swells the note of
praise.
कवि इस संसार के अभिमानी व्यक्तियों को सचेत करता है कि वे गरीब होने का दोष उन साधारण लोगो पर नहीं लगा सकते । ये उनकी निर्दयी किस्मत ही थी जिसने उन्हें गरीब बनाया। वे गरीब थे परन्तु वे कामचोर नहीं थे।अगर उनके पास एक अच्छी और आलीशान कब्र नहीं है तो ये दोष भी उनका नहीं है।
कवि प्रसिद्ध और अमीर लोगो को सम्बोधित करते हुए कहता है कि यदि इन साधारण लोगो की कब्रों पर उनकी याद में कोई प्रतीक चिन्ह नहीं लगाया गया है या फिर उनकी कब्रों पर उनके जीवन की उपलब्धियों को रेखांकित करने वाली स्मारक भी नहीं बनायी गयी है या फिर उनकी कब्रों के पास बैठने के लिए बनी पंक्तियों के बीच कोई रास्ता भी नहीं है या फिर उनकी कब्रों के पास उनकी सभी उपलब्धियों के साथ चित्रित एक गुंबददार छत भी नहीं है जो मृतकों की स्तुति गाते हुए शोक करने वालों की आवाज़ से गूंजती है; तो ये उनका दोष नहीं है। तुम सब (अमीर व् प्रसिद्ध लोग) इन साधारण मृत ग्रामीणों की कब्रों के ढाँचे में पाई जाने वाली इन कमियों का दोष इनके सिर पर नहीं मढ़ सकते।
11
Can storied urn or animated bust
Back to its mansion call the fleeting
breath?
Can Honour's voice provoke the silent
dust,
Or Flatt'ry soothe the dull cold ear of
Death?
कवि इस संसार के लोगों से कहता है कि क्या मृत व्यक्ति के जीवन की घटनाओं से सजा हुआ कलश, या उनकी सजीव जैसी मूर्ति, मृत व्यक्ति की साँस को वापस उनके शरीर में बुला सकती है? क्या किसी भी तरह का सम्मान उनके शांत पड़े हुए शरीर को फिर से जीवित कर सकता है अर्थात ये सभी प्रयत्न मृत शरीर को एक जीवंत मानव में नहीं बदल सकती हैं। क्या चापलूसी मौत के कानो तक अपनी आवाज पहुँचा सकती है? ये सब बातें मौत को जीवन वापस देने के लिए राजी नहीं कर सकती हैं। मौत इतनी क्रूर है कि कुछ भी नहीं सुनती। तो फिर इतने दिखावे का क्या फायदा।
The poet regrets that there is discrimination between the rich and the poor even after their death. Beautiful mausoleums are built over the graves of rich people and songs of praise are written on them. Whereas the tombs of the poor are made of mud because their successors are poor. The poet asks the people of this world whether the urn decorated with the events of the dead person's life, or their living statue, can bring the breath of the dead person back into their body? Can Samman revive their resting body, that is, they cannot turn the dust of the body into a living human body. Can flattery reach its voice to the ears of death? All these things cannot persuade death to give life back. Death is so cruel that it hears nothing.
12
Perhaps in this neglected spot is laid
Some heart once pregnant with celestial
fire;
Hands, that the rod of empire might have
sway'd,
Or wak'd to ecstasy the living lyre.
The poet has full sympathy for the dead people of
the village. According to him the rich and powerful people of this world should
not ridicule the misfortunes of these persons. There may be some persons in
these neglected tombs whose hearts were filled with divine love and devotion.
Some of the people buried in these tombs may have been such that if their fate
had given them a chance, they would have been able to rule an empire. Some of
them may have become successful musicians and played the veena from which
ecstatic music would be produced. But all this could not happen due to their
misfortune.
13
But Knowledge to their eyes her ample
page
Rich with the spoils of time did ne'er
unroll;
Chill Penury repress'd their noble rage,
And froze the genial current of the soul.
ample-पर्याप्त,
spoils- परतें, unroll-उलटना/खोलना, chill-उत्साह
हीन, Penury-दरिद्रता, repress'd-दमित/रोकना,
noble-महान,
rage-उत्साह, froze-जमाना, genial- आनंददायक, current-प्रवृत्ति, soul-आत्मा।
The poet feels that the poor did not get all the
facilities which were given to the immortals by their fate. Poverty and cruel
fate were their greatest enemies. The poor were never able to fulfill their
political and artistic potential. First thing - they were illiterate because
they never got "knowledge" which would enable them to rule and create
i.e. knowledge never let the pages of books open before them, so they could not
understand the evolution of time. Secondly, these people were very poor and the
exasperating poverty stifled their motivation and suppressed the creativity of
their minds. These two reasons forced these persons to die illiterate and
unknown. They too must have had a great desire to do good to the world and
their souls must have been eager to do so but they could never do so. Thus
their desires must have remained buried in their hearts.
14.
Full many a gem of purest ray serene,
The dark unfathom'd caves of ocean bear:
Full many a flow'r is born to blush
unseen,
And waste its sweetness on the desert
air.
serene-शान्त,
unfathom'd- बहुत गहरी, blush- खिलना,
desert-रेगिस्तान।
कवि यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि गाँव के सीधे-सादे लोग साधन सम्पन्न लोगो से किसी भी तरह से कम रहे होंगें। वे केवल अपनी गरीबी और अपने दुर्भाग्य के कारण अपनी प्रतिभाओ को नहीं दिखा सके। गरीबों की प्रतिभा समुद्र में छिपे "रत्न" या रेगिस्तान में खिलने वाले "फूल" की तरह है अप्रसिद्ध रह गई।
कवि कहता है कि महासागर की अँधेरी और गहरी गुफाओं में असंख्य रत्न पाए जाते हैं जहाँ उनका कोई मूल्य नहीं होता परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि वे रत्न बेकार हैं। उपमाओं की एक श्रृंखला में, कवि एक और उदाहरण प्रस्तुत करता है कि सुनसान और अज्ञात स्थानों पर कई फूल तरह के खिलते हैं और वे रेगिस्तान की हवा में अपनी खुशबू और सुंदरता बिखेरते है जो की उस सुनसान रेगिस्तान में बेकार चली जाती हैं। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि वे फूल सुगन्धित और सुंदर नहीं होंगें। गरीब ग्रामीणों के जीवन के साथ भी ऐसा ही हुआ कि वे अपनी प्रतिभाओं को दिखा नहीं सके। वे समुद्र के रत्न और रेगिस्तान के फूल की तरह ही दुनिया की नजरों में नहीं आ पाए। जिससे कि उनकी विशेषताएँ बेकार हो गयी।
कवि
कहना चाहता है कि यदि कोई रत्न बाजार में नहीं हैं,
फूल किसी उद्यान में
नहीं हैं, और इन
गाँव वालो का भाग्य
उच्च नहीं है तो
यह भाग्य का दोष है
नाकि इनका।
The poet is not ready to believe that the simple
people of the village must have been less than the rich people. They could not
show their talents only because of their poverty and their misfortune. The
genius of the poor is like a "gem" hidden in the sea or a
"flower" blooming in the desert. The poet says that in the dark and
deep caves of the ocean there are innumerable gems where they are of no value,
but this does not mean that those gems are worthless. In a series of similes,
the poet cites another example that many different kinds of flowers bloom in
deserted and unknown places and they waste their fragrance and beauty in the
desert air. But this does not mean that those flowers will not be fragrant and
beautiful. The same happened with the lives of poor villagers that they could
not show their talents. Like the gem of the sea and the flower of the desert,
they could not be seen in the eyes of the world. Were.
The poet wants to say that if gems are not in the
market, flowers are not in any garden, and these villagers do not have high
fortune, then it is the fault of luck and not theirs.
Some village-Hampden, that with dauntless
breast
The little tyrant of his fields
withstood;
Some mute inglorious Milton here may
rest,
Some Cromwell guiltless of his country's
blood.
Hampden- (राजनेता जॉन हैम्पडेन एक सत्तावादी राजा के खिलाफ लोगों के अधिकारों के लिए लड़े थे और उन्होंने निडर होकर उन जमींदारों का सामना किया था जिनके पास उन खेतों का स्वामित्व था जिसमें गरीब लोग काम करते थे। ), dauntless- निडर, breast - हृदय, tyrant-अत्याचारी, withstood-प्रतिरोध करना, mute-मौन, inglorious- प्रसिद्धि-रहित, Milton- प्रसिद्ध पुनर्जागरण कवि जिन्होंने पैराडाइज लॉस्ट लिखा, Cromwell-अंग्रेजी तानाशाह (जो अपने देशवासियों को हताहत करने के बावजूद भी दोषी साबित नहीं हुए), guiltless-दोषरहित।
कवि को गरीब और अभागे गाँव वालो के जीवन पर खेद है। वह कहता है कि इन कब्रों में कुछ ऐसे व्यक्ति दफन हो सकते हैं जो हो सकता है कि हैम्पडेन की तरह बहुत साहसी रहे हों। वे अन्याय के विरुद्ध लड़ सकते थे।
कवि उन गॉव वालो में से कुछ लोगों की मिल्टन से तुलना करते हुए कहता है कि हो सकता है कि यहॉं लेटे हुए व्यक्तियों में से कुछ लोग मौन और प्रसिद्धि रहित जॉन मिल्टन हो। वे भी जॉन मिल्टन की तरह महान कवि बन सकते थे परन्तु अशिक्षित होने कारण वे प्रसिद्ध नहीं हो सके।
कवि फिर से कहता है कि उनमें से कुछ लोग क्रॉमवेल की तरह एक अच्छे राजनेता हो सकते थे। कवि को अफ़सोस है कि इन ग्रामीणों के शहरी जीवन से दूर रहने के कारण कोई भी उनकी क्षमताओं को नहीं पहचान सका और अब ये सभी अपनी कब्रों में मूक व प्रतिभाहीन की तरह पड़े हुए हैं।
The poet regrets the lives of the poor and
unfortunate villagers. He says that these graves may have buried some people
who would have been as courageous as Hampden. (Politician John Hampden fought
for the rights of the people against an authoritarian monarch and he fearlessly
confronted the landlords who owned the farms in which the poor worked.)
The poet compares some of those villagers with
Milton, saying that some of the people lying here may be like John Milton (the
famous Renaissance poet who wrote Paradise Lost) but they are silent and
without fame. because he never learned to write.
The poet again states that some of them may have
been like Cromwell who was a good statesman but he was found faultless despite
causing casualties to his countrymen. The poet regrets that as these villagers
were away from the urban life, no one could recognize their potential and all
of them lie deaf and mute in their graves.
16
Th' applause of list'ning senates to
command,
The threats of pain and ruin to despise,
To scatter plenty o'er a smiling land,
And read their history in a nation's
eyes,
applause -सराहना,
दूर भागना/सामना करना, senates- मंत्री सभा, threats - भय, pain-मुसीबत, ruin-विनाश, despise- सामना करना, scatter -बिखेरना/फैलाना, plenty-खुशहाली।
कवि
खेद व्यक्त करते हुए कहता
है कि हो सकता है कि ये ग्रामीण
इतने प्रतिभाशाली रहे हों कि वे
अपने भाषण से सीनेट
पर सफलतापूर्वक शासन कर सकते
थे और दर्शकों के बीच ख्याति भी अर्जित कर
सकते थे। वे किसी
भी मुसीबत और विनाश के
खतरों का सामना बड़ी
बहादुरी के साथ कर
सकते थे। वे
इतने सक्षम हो सकते थे कि वे
अपने प्रयासों से एक प्रसन्नचित
देश में समृद्धि की
मुस्कान फ़ैला सकते थे। उनका अच्छे कामों का इतिहास देशवासिओं
के आँखों में पढ़ा जा
सकता था। कवि
को खेद है कि
इन ग्रामीणों की किस्मत ने
उन्हें इन उपलब्धियों को
पाने का मौका नहीं
दिया और वे गरीबी
में ही मर गए।
The poet laments that these villagers were so
talented that they could successfully rule the Senate with their speech and
also earn the fame of the audience. They could face any trouble and danger of
destruction with great bravery. They were so capable that they were able to
spread a smile of prosperity in a happy country with their efforts and their
history could be seen in the eyes of the countrymen. The poet regrets that the
fate of these villagers did not give him time to achieve these achievements and
they died in poverty.
17
Their lot forbade: nor circumscrib'd
alone
Their growing virtues, but their crimes
confin'd;
Forbade to wade through slaughter to a
throne,
And shut the gates of mercy on mankind,
lot-भाग्य,
forbade- रोकना, circumscrib'd
- कुचलना/विकसित करने से रोकना,
virtues- गुण, crimes-अपराध,
confin'd- सीमित,
Forbade- मना करना, wade-अत्याचार, slaughter-रक्तपात, throne- राजगद्दी, shut -बंद करना, mercy-दया,
mankind- मानवता।
कवि मानता है कि गरीबी ने एक ओर इन ग्रामीणों के विकसित होते हुए गुणों को कुचलने का काम किया, तो दूसरी ओर, इसने उन्हें एक क्रूर व्यक्ति और अपराधी बनने से भी रोक लिया।निर्धनता के कारण, ये ग्रामीण उन सभी दोषों से मुक्त रहे जो महत्वकाँक्षी और प्रसिद्ध व्यक्तियों में अक्सर पाए जाते।
गरीबी
के कारण ही वे
कभी भी अत्याचारी नहीं
बन सके। उन्होंने, राजनेताओं
की तरह, कभी भी
अपनी ताकत का प्रयोग
अपने ही देशवासियों के
रक्तपात करने और सिंहासन पाने
के लिए नहीं किया
। वे महत्वाकांक्षी और
क्रूर नहीं बन पाए।
वे हमेशा ही दयालु रहे
और उन्होंने मानवता के लिए अपनी
दया के द्वार कभी
भी बंद नहीं किये।
उनके भाग्य ने उन्हें प्रतिष्ठित
व्यक्तियों की योग्यता पाने से वंचित रक्खा और सीधा-सादा परन्तु ईमानदार जीवन जीने का अवसर दिया।
The poet feels that it was because of poverty that
these villagers were free from all the vices which are often found in ambitious
and famous persons. The poet believes that on the one hand the poverty of these
villagers stifled their developing qualities, on the other hand, it also
prevented them from becoming cruel and criminal.
They could never become a tyrant because of poverty. They, like politicians, never used their power to get the throne through the bloodshed of their own countrymen. They could not become ambitious and cruel. They were always kind and never closed the doors of their mercy for humanity. Their fate gave Them a simple life opportunity by denying them the qualifications of eminent persons.
18.
The struggling pangs of conscious truth
to hide,
To quench the blushes of ingenuous shame,
Or heap the shrine of Luxury and Pride
With incense kindled at the Muse's flame.
struggling- संघर्ष,
pangs-कष्ट, conscious-जागरूक, hide-छिपाना, quench -दबाना, blushes-लालिमा/शर्मिंदगी, ingenuous-निष्कपट, shame-शर्म, heap-ढेर, shrine-पुण्यस्थान,
Luxury -धनी एवं विलासी, Pride-गर्व,
incense-सुगन्ध,
kindled - सुलगना,
Muse-देवी, flame-ज्योति।
कवि बताता है कि ये लोग बिल्कुल भी पाखंडी नहीं थे। अपने सीधे साधे (सच्चे ) जीवन के कष्टकारी संघर्षों को उन्होंने कभी भी नहीं छुपाया। यहाँ तक कि अनजाने में अगर उनसे कोई अपराध या कोई गलत कार्य हो जाता था तो ये उनके चेहरे पर स्पष्ट रूप से आ जाता था। उन लोगो ने भी भी विलासी और घमण्डी लोगो के दरवाजे पर जाकर चापलूसी करने के लिए भीड़ नहीं लगाई।
संसार में जिस प्रकार किसी देवी के सम्मुख सुगन्धित धूप जलाकर और गीत गाकर उनका सम्मान किया जाता है, उसी प्रकार विलासी और अभिमानी लोगों को प्रसन्न करने के लिए उनकी भी झूठी प्रशंसा की जाती है। चूंकि ग्रामीण कम पढ़े लिखे थे, वे अन्य लोगों की तरह चापलूसी वाली कविताएँ नहीं लिख सकते थे; इसलिए, वे अमीर, विलासी और अभिमानी व्यक्तियों को खुश करने के लिए उनके सम्मान में कोई गीत या प्रशंसा लिखने से बच गए। इस प्रकार गरीबी ने उन्हें गर्व के साथ जीने में मदद की।
The poet tells that these people were not
hypocrites at all. They did nothing artificial to hide their weaknesses. They
never tried to hide the truth of the painful struggles they faced in life. They
never tried to suppress the redness on their face due to any unintentional
crime. It was clear on their face whether they were ashamed of any activity or
not. The way a goddess is honored by lighting fragrant incense in front of her
and singing songs, in the same way, luxuriant and arrogant people are honoured
by praise in the world.
As the villagers were less educated, they couldn't
write flattering poems like other people; hence, they were saved from writing any
song or praise in their honor to please the rich, luxuriant, and arrogant
persons. Thus, poverty helped them to live with pride.
19
Far from the madding crowd's ignoble
strife,
Their sober wishes never learn'd to
stray;
Along the cool sequester'd vale of life
They kept the noiseless tenor of their
way.
Far- दूर, madding-पागलपन,
crowd-भीड़, ignoble-अनैतिक, strife-कलह, sober-सीधी-सादी, stray-इधर-उधर भटकना, cool-शांत
, sequester'd-एकांत,
vale-घाटी, tenor-प्रवृत्ति।
अब
कवि ग्रामीणों और अन्य सांसारिक
लोगो के जीवन की
तुलना करते हुए कहता
है कि ग्रामीणों ने
अपने जीवन में शांत
माहौल बनाए रखा जबकि
अन्य सांसारिक लोग बहुत महत्वकाँक्षी थे जिस कारण उनका
जीवन संघर्ष से भरा हुआ
था।
कवि
कहता है कि ये
ग्रामीण दुनिया की पगलाई हुई
भीड़ के अनैतिक कलहो
से कोसो दूर थे।
मृत ग्रामीणों की इच्छाएँ बहुत
नेक थीं जिन्होंने कभी
भी इधर-उधर भटकना
नहीं सीखा। किसी एकांत घाटी की शांत तलहटी की ही तरह से उनका जीवन भी बहुत ही अच्छी तरह शांति से बसा हुआ था
जिसमें वे बड़ी ही
शांति से जीवन जी रहे थे , बिना भटके हुए।
ये शांत और सीधे
ग्रामीण शहरी और अमीर
व्यक्तियों की तुलना में
अधिक खुश थे।
Now the poet compares the life of villagers to the
other people and says that the villagers maintained a calm atmosphere in their
life whereas other people were very ambitious that's why their life was full of
struggle.
The poet says that these villagers were far away
from the immoral squabbles of the maddened crowd of the world. The wishes of
the dead villagers were very noble who never learned to wander here and there.
Their life was very well settled at the foot of a quiet valley in which they
walked very calmly, without getting lost. These quiet and straight rural people
were happier than the urban and wealthy individuals.
20.
Yet ev'n these bones from insult to
protect,
Some frail memorial still erected nigh,
With uncouth rhymes and shapeless
sculpture deck'd,
Implores the passing tribute of a sigh.
these bones- मृत
शरीर, protect-बचाना, frail - कमजोर सा, memorial-स्मारक, erected- खड़ा किया, nigh-पास,
uncouth rhymes-खराब तुकबंदी, -Implores- प्रेरित करता है।
कवि गॉंव के मृत व्यक्तियों के लिए दुख महसूस करता है क्योंकि वे बहुत गरीब थे और उनके उत्तराधिकारी उनकी कब्रों पर कोई शानदार स्मारक नहीं बना सके। फिर भी, इन गरीब लोगों की हड्डियों (मृत शरीर) को पूर्ण अनादर से बचाने के लिए, इनकी कब्र पर एक छोटा सा स्मारक बनाया गया है। लेकिन कवि उस छोटे से स्मारक पर भी संतुष्टी महसूस करता है। हालाँकि इस पर खराब तुकबंदी में एक कविता लिखी हुई है और खराब तरीके से बनाई गई मूर्ति लगाई गयी है। समय बीतने के कारण यह स्मारक बहुत कमजोर भी हो गई है। बावजूद इसके, ग्रामीणों की कब्रों पर बने ये भद्दे निर्माण राहगीरों को उनकी मृत्यु पर एक आह भरने के लिए प्रेरित करते हैं। इस प्रकार कवि को लगता है कि इन कब्रों पर बने ये साधारण स्मारक ग्रामीणों के सम्मान की रक्षा के लिए पर्याप्त थे।
The poet feels sorrow for the dead persons of the village as they were very poor and their successors could not build any magnificent monuments on their graves. Nevertheless, to save the bones of these poor people from complete disrespect, a small monument has been erected nearby. But the poet feels satisfied even at that small monument, although it has poems written in bad rhyming and a poorly made statue has been put on it. With the passage of time, this monument has also become very weak. Despite this, these unsightly constructions on the tombs of the villagers inspire passers-by to take a sigh at their death. Thus, the construction of these tombs protects the honor of the villagers.
21
Their name, their years, spelt by th'
unletter'd muse,
The place of fame and elegy supply:
And many a holy text around she strews,
That teach the rustic moralist to die.
unletter'd-अशिक्षित,
muse- कवि, strews- बिखेरना, rustic-ग्रामीण, moralist-सदाचारी मनुष्य
कवि का कहना है कि गरीब ग्रामीणों की कब्रों पर बड़ा स्मारक नहीं बनाया जा सका, फिर भी उनकी कब्रों पर छोटे-छोटे शिलालेख (एपिटाफ) बनाए गए हैं। इन पत्थरों पर गाँव के कुछ अशिक्षित कवियों ने दफन ग्रामीणों के नाम, उम्र और जीवन और मृत्यु के बारे में लिखा है। शिलालेखों पर बाइबिल की कुछ पवित्र पंक्तियाँ भी लिखी गई हैं। अब समय बीतने के कारण ये पत्थर इधर-उधर बिखर गए हैं। पत्थरों पर लिखी गयी ये पंक्तियाँ ग्रामीण सदाचारी व्यक्तियों को एक अच्छा जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं और इस दुनिया से अलविदा होने का मार्ग भी बतातीं हैं।
The poet says that the poor villagers could not have a big memorial built on their graves, yet small epitaphs have been made on their graves. On these stones some illiterate poets of the village have written about the names, ages and life and death of the buried villagers. Some sacred lines from the Bible are also written on the epitaph stones. Now due to the passage of time these stones are scattered here and there. These lines written on stones inspire rural virtuous people to lead a good life and show the way to say goodbye to this world.
22.
For who to dumb Forgetfulness a prey,
This pleasing anxious being e'er
resign'd,
Left the warm precincts of the cheerful
day,
Nor cast one longing, lingering look
behind?
कवि ग्रामीणों की व्यथा बताते हुए कहता है कि गाँव वाले जोकि इस दुनिया के लोगो की भूलने की प्रवृत्ति के शिकार हो जाते है, क्या आसानी से इस दुनिया को छोड़ने के लिए तैयार हो पाते है।
कवि कहता है कि क्या प्रसन्न्ताओ और चिंताओं में घिरा हुआ कोई भी मृत मनुष्य कभी भी इस जिंदगी से पूर्ण पूर्णरूप से विदा हो पाता है। कवि को आश्चर्य है कि क्या ये लोग मरने के लिए एकदम तैयार हो गए बिना एक भी बार पीछे देखे हुए कि वे अपने पीछे क्या क्या छोड़कर जा रहे है । क्या वास्तव में ये लोग थोड़ी देर रुकने की इच्छा किये बिना या बिना आलस किये ही मृत्यु को आसानी से अपना लेते हैं। क्या ये लोग खुशहाल दिनों के रिश्तो के अहसास की गर्मी से भरे इस सीमाप्रांत को छोड़कर चले जाने के लिए एकदम से मान जाते है ? कवि पूछता है कि क्या ये ग्रामीण इतनी सरलता से अपने जीवन की यादो को छोड़कर इस दुनिया से चले गए होंगें या फिर वे अपनी इच्छाओं को अनपे साथ लिए हुए होंगें?
Describing the grief of the villagers, the poet
says that the villagers became victims of the forgetfulness of the people of
this world. The life of these dead people has been pleasant but bad, so will
these people ever be able to forget the happy but painful life? The poet then
asks whether these people will ever be able to leave the soft (warm of the feeling
of relationship) frontier of happy days without looking back and wishing to
stay for a while?
23
On some fond breast the parting soul
relies,
Some pious drops the closing eye
requires;
E'en from the tomb the voice of nature,
cries,
E'en in our ashes live their wonted
fires.
fond- प्रिय,
breast- दिल, parting
soul- मरता हुआ व्यक्ति, relies-आश्रय
करना/भरोसा करना, pious- पवित्र, drops-आँसू, requires- आवश्यकता, ashes- राख, wonted-स्वाभाविक,
The poet says that everyone needs the love of
friends and relatives in life. They believe in 'love'. While dying, they rely
on the affection (heart) of a close (beloved) friend or relative. They also
require that these people actually shed tears at their death. The cry of nature
comes from their graves too. After burial, our body turns into ashes, but even
in the ashes of their dead body, the fire of natural love of their close
relatives and friends keeps burning. The souls of the dead have the same
desires as those of the living. They want love and sympathy in this world and
even after they die.
24.
For thee, who, mindful of th'unhonour'd
dead,
Dost in these their artless tale relate;
If chance, by lonely contemplation led,
Some kindred spirit shall enquire thy
fate,
mindful- सोच
से भरा हुआ, th'unhonour'd- गुमनाम/असम्मानित,
dead-मृत लोग, artless-सरल, tale-कहानी, contemplation-चिन्तन, kindred-सजाति, enquire- पूछताछ।
कवि
ग्रामीणों की गुमनाम मौत
के बारे में बताते
हुए बेहद भावुक हो
जाता है। वह सोचता
है कि शायद मृत्यु के
बाद उसे भी इसी
गिरजाघर में दफनाया जायेगा
। कवि स्वयं को
सम्बोधित करते हुए कि वह हमेशा
ही गुमनाम मृत व्यक्तियों के
बारे में सोचता रहा है और
उसने अपने शोकगीतों में मृत व्यक्तियों
के जीवन की कहानियों को लिखा
है। कवि सोचता है
कि जिस तरह वह
इन ग्रामीणों
पर शोकगीत
लिख रहा है उसी
प्रकार उसकी मृत्यु के
बाद कोई दयालु कवि
उसके बारे में शोकगीत
लिखेगा। संयोगवश, जब कवि की
मृत्यु के बाद उसी
के समान विचार रखने
वाला कोई कवि इस
गिरिजाघर से गुजरेगा तो विचारशीलता से प्रभावित होकर
वह उसके (ग्रे के) और उसके जीवन के बारे
में पूछताछ करेगा ।
The poet becomes extremely emotional while
narrating about the anonymous death of the villagers. He thinks that maybe
after death he too will be buried in the same church. The poet addressing
himself that he has always thought about the anonymous dead and has written
stories of the lives of the dead in his hymns. The poet thinks that just as he
is writing an ode to these villagers, in the same way after his death some kind
poet will write an ode to him. Coincidentally, when after the death of the poet
a poet with similar views would pass through this cathedral and, impressed by
the thoughtfulness, he would inquire about him (the poet's) and his life.
25
Haply some hoary-headed swain may say,
Oft have we seen him at peep of dawn
Brushing with hasty steps the dews away,
To meet the sun upon the upland lawn;
Haply-संयोगवश, hoary-headed-सफ़ेद बालोंवाला, swain-किसान, Oft-अक्सर, dawn- भोर, hasty-steps- तेज कदमों से, upland lawn- ऊँचाई पर स्थित खेत।
गिरिजाघर
के पास खड़े होकर
कवि, गहन मुद्रा में,
मृत्यु के बाद इसी
गिरिजाघर में दफन होने
की कल्पना करता
है। चूँकि वह
ग्रामीणों की मृत्यु पर
शोकगीत लिख रहा है
अतः हो सकता है
कि उसकी मृत्यु के
बाद कोई दयालु कवि
उसकी मृत्यु पर भी शोकगीत
लिखे। कवि को यकीन है कि कोई उसी की प्रवृति जैसा कवि एक दिन घूमता
हुआ इस गिरिजाघर
में आयेगा और वह गॉंव के
किसी सफेद सिर वाले
बूढ़े व्यक्ति से कवि (ग्रे
) के बारे में पूछेगा।
यह बूढ़ा आदमी उसे बताएगा
कि सूरज के उगने
से पहले, अक्सर वह (ग्रे) यहाँ
दिखाई देता था। वह
जल्दबाजी में तेज कदमों
से पूर्व दिशा की ओर
जाते हुए सुबह
के समय घास पर
पड़ी ओस को
इधर उधर छितराता हुआ चलता था
। वह पूर्वी दिशा
में ऊपरी लॉन की
ओर जाया करता था
ऐसा लगता था की
वह वहॉं पर सूरज
से मिलने जाता था।
Standing near the church, the poet, in a deep posture, imagines himself to be buried in this cathedral after death. Since he is writing an ode to the death of the villagers, it is possible that after his death some kind poet may also write an ode to his death. That poet will come to this church walking one day and he will ask a white-headed old man of the village about the poet (Grey). This old man would tell him that before the sun rose, he (Grey) often appeared here. He used to make hasty steps towards the east and spread the dew lying on the grass here and there in the morning. He used to walk towards the upper lawn in the eastern direction, it seemed that he used to go there to meet the sun.
26
There at the foot of yonder nodding beech
That wreathes its old fantastic roots so
high,
His listless length at noon-tide would he
stretch,
And pore upon the brook that babbles by.
yonder- सामने
वाला, beech - बीच (पेड़),
wreathes - घेरना, stretch- पूरी
लम्बाई में फैल जाना,
pore- ध्यान में लीं होना,
brook -छोटी नदी की धारा,
babbles- कलकल का शब्द
कवि
बताता है कि जब
एक दयालु कवि उसकी मृत्यु
के बाद यहॉं आकर
किसी बूढ़े व्यक्ति
से उसके बारे में
पूँछेगा तो वह बूढ़ा
व्यक्ति उस कवि को
बताएगा कि वह (ग्रे)
यहाँ अक्सर दिखाई दिया करता था।
वह (ग्रे ) वहॉं , उस लहराते बीच
के पेड़ के आधार
पर, पुरानी, कटी हुई जड़ों
और ऊँची, उलझी हुई शाखाओं
के साथ लेट जाता
था। वह दोपहर के
समय अपने थके हुए
शरीर को फैलाता था
और पास में बहने
वाली कलकल करती नदी
की धारा देखने में तल्लीन हो जाता था।
इस तरह वह यहीं
आसपास नजर आता था।
The poet tells that when a kind poet comes here after his death and asks an old man about him, that old man will tell the poet that he (Grey) used to appear here often. He (gray) lay there, at the base of that wavy beech tree, with old, cut roots and tall, tangled branches. He used to stretch his weary body in the afternoon and got absorbed in the stream of the river which was flowing nearby. That's how he looked around here.
27
'Hard by yon wood, now smiling as in
scorn,
Muttering his wayward fancies he would
rove,
Now drooping woeful wan, like one
forlorn,
Or crazed with care, or cross'd in
hopeless love.
scorn-तिरस्कार,
Muttering- बड़बड़ाना,
wayward -निरंकुश,
fancies- कल्पनायें,
rove-भटकना,
drooping- मलीन/मुरझाया हुआ, woeful - दुःखी, wan-पीला,
forlorn-असहाय/अभागा,
कवि कल्पना करता है कि एक सफेद बालो वाला व्यक्ति कवि को बताएगा कि कवि (ग्रे) समीप के जंगलों के निकट ही बिना किसी उद्देश्य के घूमता रहता था। वह तिरस्कार से अकेला मुस्कुराता रहता था और वह स्वयं से ही बात करता रहता था। अपने घूमने के दौरान वह अनेकों कल्पनाएं करता रहता था। वह किसी रोगी की तरह पीला दिखाई देता था। वह सिर झुकाकर घूमा करता था। शायद वह निराशापूर्ण जीवन की चिन्ताओं से ग्रसित था या फिर प्रेम में बेवफाई की चोट खाया हुआ था।ऐसा लगता था कि उसने कोई न कोई गहरी चोट खाई हुई थी।
The poet imagines that the brown-headed person will tell the poet that the poet (Grey) used to roam around the nearby forests without any purpose. He smiled contemptuously alone and he kept talking to himself. He used to have many fantasies during his travels. He looked pale like a patient. He turned around with his head bowed. Perhaps he was haunted by the worries of a hopeless life or infidelity in love by someone. It seemed that he was deeply hurt.
28
"One morn I miss'd him on the
custom'd hill,
Along the heath and near his fav'rite
tree;
Another came; nor yet beside the rill,
Nor up the lawn, nor at the wood was he;
custom'd- चिपरिचित, heath-खेत/मैदान, rill- जल धरा,
After the death of the poet, when a kind poet comes to see him, the old man will tell the poet that one morning he did not see him (Grey) walking on the hill he used to walk daily. He was not found in the field of bushes. Then he saw her under the shade of his favorite tree but he was not present there either. The next day the old man saw him (Grey) in the flat plains near the waterfall and in the nearby forests but he was nowhere to be found. He didn't show up anywhere.
29
'The next with dirges due in sad array
Slow thro the church-way path we
saw him borne, Approach and read (for
thou canst read)
the lay, Grav'd on the stone beneath yon
aged Thorn
वह बूढ़ा ग्रामवासी कवि को बताता है कि उसने उसे (ग्रे को ) दो दिन तक ढूँढा पर वह उसे नहीं मिला। तीसरे दिन उसने कुछ लोगों को उसके मृत शरीर को अपने कंधों पर ले जाते हुए देखा। वे सभी अंतिम संस्कार के विलाप गीतों और एक दुखद जुलूस के साथ, उसे धीरे-धीरे चर्च के रास्ते पर ले जा रहे थे। उसका मुर्दा शरीर कब्रिस्तान की ओर ले जाया गया। वह बूढ़ा व्यक्ति कवि को एक कब्र पर जाने और उस पर लगे शिलालेख को पढ़ने के लिए कहता है (क्योंकि वह कवि पढ़ सकता था।) बूढ़ा व्यक्ति कहता है कि वह (थॉमस ग्रे) सामने उस कटीले झाड़ के नीचे अपनी कब्र में लेटा हुआ है।
30
Here rests his head upon the lap of Earth
A youth, to Fortune and to Fame unknown;
Fair Science frown'd not on his humble
birth
And Melancholy mark'd him for her own.
rests- आर्म
करना, lap-गोदी, youth-नौजवान, Fortune-सौभाग्य, Fame-प्रसिद्धि, frown'd-क्रोध करना, Melancholy-दुःख,
कवि
कल्पना करता है कि
मरने के बाद उसकी
कब्र पर एक समाधि
लेख होगा। कवि
उस लेख को पढ़ता
है कि इस कब्र
में एक युवा पृथ्वी
की गोद में विश्राम
कर रहा है। यह
युवा जीवन भर सौभाग्य
और प्रसिद्धि से पूर्णतः अनजान
रहा। वह
एक सीधे सादे परिवार
में जन्मा था और
किसी विज्ञान
ने उसे कभी भी
परेशान नहीं किया
अर्थात वह
शिक्षित नहीं था। उसका
जीवन महान और सादा
था, फिर भी वह
खुश नहीं रह सका
क्योंकि उदासी ने उसे पूरी तरह से
अपना लिया था अर्थात
कवि बताता
है कि वह जीवनभर
दुःख के साये में
रहा।
The poet imagines that after his death there will be a tombstone on his grave. The poet reads that in this grave a young man is resting in the lap of the earth. This young man remained completely ignorant of fortune and fame throughout his life. He was born in a simple family and no science ever bothered him i.e. he was not educated. His life was noble and simple, yet he could not remain happy as sadness had completely taken over him i.e. the poet states that he lived in the shadow of sorrow all his life.
31
Large was his bounty, and his soul
sincere;
Heav'n did a recompense as largely send,
He gave to Mis'ry (all he had), a tear,
He gain'd from Heav'n ('twas all he
wished) a friend.
bounty-उदारता,
sincere-निष्कपट,
Heav'n- स्वर्ग,
recompense- क्षतिपूर्ति,
Mis’ry-दुर्भाग्य/विप्पति,
कवि
(ग्रे) के मरने के
बाद जब एक दयालु
कवि उसकी कब्र पर
बने शिलालेख को पढ़ता है तो उसे
पता चलता है कि
मृत कवि (ग्रे) बहुत
ही उदार व्यक्ति था
और उसकी आत्मा निष्कपट/ईमानदार थी । भगवान
ने उसके दुखो की
क्षतिपूर्ति करते हुए उसे पुरुस्कार
भी दिए। उसने दुर्भाग्य
को सहन किया और
उसके पास जो कुछ
भी था, उसने अपने
दुर्भाग्य के नाम कर दिया
हालॉंकि उसके पास दुर्भाग्य को देने के लिए केवल
आँसू ही थे। बदले
में उसने भगवान से वही पाया जो वह
चाहता था यानि एक दोस्त।
After the death of the poet (Grey) when a compassionate poet reads the inscription on his barber, he comes to know that the deceased poet (Grey) was a very generous person and his soul was sincere. While compensating for his miseries, God also gave him many rewards. . He endured misfortune and whatever he had, he gave in to his misfortune even though he had only tears. In return, he got what he wanted from God - a friend
32
No farther seek his merits to disclose,
Or draw his frailties from their dread
abode,
(There they alike in trembling hope
repose),
The bosom of his father and His God.
merits-अच्छाइयाँ,
frailties-कमजोरी,
dread abode-कब्र,
alike- एकसमान, reposeविश्राम करना, bosom-छाती ।