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Stand in the desert. . . . Near them, on the sand, a
Half sunk a shattered visage lies, whose frown, b
And wrinkled lip, and sneer of cold command, a
Tell that its sculptor well those passions read c
Which yet survive, stamped on these lifeless things, d
The hand that mocked them, and the heart that fed; c
And on the pedestal, these words appear: e
My name is Ozymandias, King of Kings; d
Look on my Works, ye Mighty, and despair! e
Nothing beside remains. Round the decay f
Of that colossal Wreck, boundless and bare e
The lone and level sands stretch far away.” f
ओज़ीमंडिआस: एक सोनेट
यह एक सॉनेट (sonnet) है जिसे पी बी शेली ने लिखा है। सॉनेट में कुछ अनियमितताऐ है और यह आयंबिक पेंटामीटर (Iambic pentameter) में है। कविता योजना (rhyming scheme) ABABA CDCED EFEF है जोकि एक सॉनेट के लिए असामान्य है। अष्टक (एक सॉनेट की पहली आठ पंक्तियाँ) और सेसेट (एक सॉनेट की अंतिम छह-पंक्ति श्लोक) एक साथ जुड़े हुए हैं। जाहिर है, कवि ने सॉनेट के रूप और कविता योजना के साथ कुछ नया प्रयोग किया है।
सारांश
कवि एक ऐसे यात्री से मिला जो दूर देश से आया था। उसने कवि से कहा कि उसने रेगिस्तान में एक मूर्ति के अवशेष देखे हैं। रेगिस्तान में पत्थर से बनी दो विशाल टांगें खड़ी थीं और मूर्ति का बचा हुआ हिस्सा- शरीर का ऊपरी भाग गायब था। मूर्ति का एक और हिस्सा, जोकि एक चेहरा था, मूर्ति के पास की रेत पर पड़ा था। यह क्षतिग्रस्त हो चूका था और टुकड़ों में टूट गया था। मूर्ति के चेहरे पर नाराजगी के भाव और ताना देने वाली मुस्कान थी। चेहरे पर झुर्रियां और रेखाएं भी थीं। कवि कहता है कि मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार ने मिस्र के राजा रामेसेस के चेहरे के भावों को बहुत अच्छी तरह से पढ़ा था इसीलिए वह उन्हें राजा की प्रतिमा पर इतनी सटीक रूप से कॉपी करने में सक्षम हो सका। मूर्तिकार की कुशलता के कारण राजा की मृत्यु के बाद भी इस बेजान मूर्ति के चेहरे पर ये भाव विद्यमान रहे। मूर्तिकार के हाथों ने राजा के निर्मम भावों की नकल की और राजा के दिल के इन भावों को उसके पत्थर के चेहरे पर उतारा।
प्रतिमा के निचले हिस्से पर आधार के समीप निम्न शब्द लिखे हुए थे - "मेरा नाम ओज़िमंडियास है, राजाओं का राजा: मेरे कामों को देखो, हे पराक्रमी, और निराशा महसूस करो !" राजा ने खुद को सबसे शक्तिशाली राजा ओजिमंडियास के रूप में पेश किया। उसने दुनिया के सभी शक्तिशाली राजाओं के लिए यह लिखा कि वे सभी उसकी विशाल प्रतिमा को देखें और उसके (सबसे शक्तिशाली राजा - ओजिमंडियास के) सामने खुद को छोटा महसूस करें। कवि कहता है कि अब इन शब्दों के अलावा और कुछ नहीं बचा है। समय बीतने के साथ मूर्ति टूट गई और उसके टूटे हुए टुकड़े चारों ओर पड़े देखे जा सकते है। विशाल रेगिस्तान चारों ओर फैला हुआ था और यह अंतहीन लग रहा था। महान राजा ओजिमंडियास की मूर्ति कहीं नहीं देखी जा सकती थी।
1.
I met a traveller from an antique land, a
Who said—“Two vast and trunkless legs of stone b
Stand in the desert. . . . Near them, on the sand, a
Half sunk a shattered visage lies,
कविता का वक्ता ने एक बार 'दूर रेगिस्तान की प्राचीन भूमि' से होकर आने वाले एक यात्री से मुलाकात की। यात्री रोम, ग्रीस या प्राचीन मिस्र जैसे प्राचीन इतिहास वाले स्थान से था। यात्री ने उसे एक विशाल मूर्ति के खंडहरों की कहानी सुनाई जो उसने देखी थी।
यह एक कथा के भीतर एक कथा है। कुछ आलोचकों का मानना है कि इस कविता ने कवि को लोगों के दिमाग में ओज़िमंडियास के बारे में एक अस्पष्टता जोड़ने में मदद की है। यह कविता इस बात का सूचक है कि समय के साथ सत्ता का गौरव और ऐश्वर्य कैसे मिट जाता है।
यात्री ने कवि को बताया कि उसने एक रेगिस्तान के बीच में एक मूर्ति के दो विशाल पत्थर के पैर देखे। पैर ऊपरी शरीर या धड़ के बिना वहाँ खड़े थे। रेगिस्तान इंगित करता है कि यह प्राचीन मिस्र था। यात्री ने खड़े पैरों के पास मूर्ति के टूटे हुए सिर (टूटे हुए दृश्य) को भी देखा जो आंशिक रूप से रेत में दबा हुआ था ।
टूटा और रेट में धँसा हुआ सिर यह दर्शाता है कि पूरी मूर्ति नष्ट हो गई है। लेकिन हम वास्तव में नहीं जानते कि वास्तव में उस मूर्ति का क्या हुआ था। यह शायद समय के साथ क्षय होने वाली एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।
महत्वपूर्ण टिप्पणी:
कविता शक्ति की क्षणभंगुरता को दर्शाती है। कविता कला की शक्ति का भी वर्णन करती है। कविता दृढ़ता से विशालता के साथ-साथ प्रकृति की ताकत और राजा, ओज़िमंडियास के खाली घमंड के बीच एक अंतर के बारे में बताती है।
साहित्यिक नोट:
सॉनेट कुछ अनियमितताओं के साथ आयंबिक पेंटामीटर में है। कविता योजना ABABACDCEDEFEF एक सॉनेट के लिए असामान्य है। अष्टक (एक सॉनेट की पहली आठ पंक्तियाँ) और सेसेट (एक सॉनेट का अंतिम छह-पंक्ति श्लोक) एक साथ जुड़े हुए हैं। जाहिर है, कवि ने सॉनेट के रूप और कविता योजना के साथ प्रयोग किया है। सॉनेट में विडंबना का प्रयोग किया जाता है।
2.
whose frown, b
And wrinkled lip, and sneer of cold command, a
Tell that its sculptor well those passions read c
Which yet survive, stamped on these lifeless things, d
The hand that mocked them, and the heart that fed; c
यात्री आगे बताता है कि रेत पर पड़ी मूर्ति के चेहरे पर अभी भी शक्तिशाली शासक ओज़िमंडियास के भाव दिखाई दे रहे थे और इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। हमें यह आभास देने के लिए कि मूर्ति में दिखाया जाने वाला राजा एक क्रोधी, घमंडी और अक्सर परेशान करने वाला व्यक्ति था, यात्री ने 'wrinkled lip', 'sneer' और 'cold command' जैसे शब्दों का प्रयोग किया है।
लेकिन अगली पंक्ति पाठकों का ध्यान मूर्ति से उस मूर्तिकार की ओर ले जाती है जिसने इसे बनाया था। यात्री इस बात की प्रशंसा करता है कि कलाकार ने प्रतिमा में व्यक्ति के जुनून और भावनाओं को अच्छी तरह से समझा और महसूस किया (पढ़ा)। इसलिए वह चेहरे पर उन भावों को इतनी अच्छी तरह से दिखा पाया कि वे भाव आज तक भी वैसे ही दिखाई दे रहे थे।
महत्वपूर्ण टिप्पणी:
कविता शक्ति की क्षणभंगुरता को दर्शाती है। कविता कला की शक्ति का भी वर्णन करती है। कविता दृढ़ता से विशालता के साथ-साथ प्रकृति की ताकत और राजा, ओज़िमंडियास के खाली घमंड के बीच एक अंतर के बारे में बोलती है।
साहित्यिक नोट:
सॉनेट कुछ अनियमितताओं के साथ आयंबिक पेंटामीटर में है। कविता योजना ABABACDCEDEFEF एक सॉनेट के लिए असामान्य है। सप्तक (एक सॉनेट की पहली आठ पंक्तियाँ) और सेसेट (एक सॉनेट का अंतिम छह-पंक्ति श्लोक) एक साथ जुड़े हुए हैं। जाहिर है, कवि ने सॉनेट के रूप और कविता योजना के साथ प्रयोग किया है। सॉनेट में विडंबना का प्रयोग किया जाता है।
३
And on the pedestal, these words appear: e
My name is Ozymandias, King of Kings; d
Look on my Works, ye Mighty, and despair! e
अब, कविता फिर से मूर्ति की ओर बढ़ती है। यात्री मूर्ति के पैरों के नीचे बने आसन पर लिखे शब्दों को उद्धृत करता है। शिलालेख आदमी के नाम की घोषणा करता है। यह ओजिमंडियास है। वह खुद को 'राजाओं का राजा' भी मानता है। वह उन दूसरे शासकों को संबोधित करता है जो खुद को शक्तिशाली (पराक्रमी) समझते हैं और कहता है कि उसके (ओज़ीमंडियस) द्वारा किये गए कार्यों को देखने से उन सभी पराक्रमी राजाओं का भ्रम टूट जायेगा और वे अपने आपको निराशा से भर लेंगे। वास्तव में यह मूर्ति यह प्राचीन मिस्र के फिरौन रामेसेस II की है विशाल मूर्ति उनके द्वारा निर्मित प्रसिद्ध मंदिरों और मूर्तियों को इंगित कर सकती है।
यहाँ Ozymandias अन्य राजाओं और शासकों को बहुत महानता की आशा न करने की चेतावनी दे रहा है, क्योंकि वे कभी भी उसकी उपलब्धियों को पार नहीं कर सकते। यह निश्चित रूप से उनके गर्व और गर्वित स्वभाव का आभास देता है। लेकिन विडंबना यह है कि उनकी अपनी मूर्ति अब प्रकृति की महान शक्ति से बच न सकीय और रेट में धँसी पड़ी है।
महत्वपूर्ण टिप्पणी:
कविता शक्ति की क्षणभंगुरता को दर्शाती है। कविता कला की शक्ति का भी वर्णन करती है। कविता दृढ़ता से विशालता के साथ-साथ प्रकृति की ताकत और राजा, ओज़िमंडियास के खाली घमंड के बीच एक अंतर के बारे में बताती है।
साहित्यिक नोट:
सॉनेट कुछ अनियमितताओं के साथ आयंबिक पेंटामीटर में है। कविता योजना ABABACDCEDEFEF एक सॉनेट के लिए असामान्य है। सप्तक (एक सॉनेट की पहली आठ पंक्तियाँ) और सेसेट (एक सॉनेट का अंतिम छह-पंक्ति श्लोक) एक साथ जुड़े हुए हैं। जाहिर है, कवि ने सॉनेट के रूप और कविता योजना के साथ प्रयोग किया है। सॉनेट में विडंबना का प्रयोग किया जाता है।
४
Nothing beside remains. Round the decay f
Of that colossal Wreck, boundless and bare e
The lone and level sands stretch far away.” f
कविता के अंत में, यात्री बताता है कि कैसे चारों ओरउन खंडहरों और रेत के अलावा कुछ भी नहीं है। 'that colossal Wreck' इस बात की ओर इशारा करता है कि कैसे विशाल प्रतिमा और उससे जुड़ी ऊंची उड़ान भरने वाले जुनून अब धूल फाँक रहे हैं। दूर तक फैली 'असीमित औरअनंत' और 'अकेली और समतल' रेत समय की विशालता का प्रतीक है।
हम मनुष्य समय के विशाल मार्ग में बहुत छोटे प्राणी हैं। हमारा गौरव और पराक्रम अंततः गायब हो जाएगा। लेकिन जो अमर रहता है वह कला का काम है। ये अंतिम पंक्तियाँ सॉनेट के केंद्रीय विषय का सुझाव देती हैं।
महत्वपूर्ण टिप्पणी:
कविता शक्ति की क्षणभंगुरता को दर्शाती है। कविता कला की शक्ति का भी वर्णन करती है। कविता दृढ़ता से विशालता के साथ-साथ प्रकृति की ताकत और राजा, ओज़िमंडियास के खाली घमंड के बीच एक अंतर के बारे में बताती है।
साहित्यिक नोट:
सॉनेट कुछ अनियमितताओं के साथ आयंबिक पेंटामीटर में है। कविता योजना ABABACDCEDEFEF एक सॉनेट के लिए असामान्य है। सप्तक (एक सॉनेट की पहली आठ पंक्तियाँ) और सेसेट (एक सॉनेट का अंतिम छह-पंक्ति श्लोक) एक साथ जुड़े हुए हैं। जाहिर है, कवि ने सॉनेट के रूप और कविता योजना के साथ प्रयोग किया है। सॉनेट में विडंबना का प्रयोग किया जाता है।
'Morning Raaga' दो अलग-अलग तरह की दुनियाओं के मिलन के
बारे में है। यह एक ऐसी कहानी है जो आधुनिक और पारंपरिक सोच को एक साथ लाती है,
अतीत
को वर्तमान के साथ, कर्नाटक संगीत को पश्चिमी संगीत के साथ इस तरह से जोड़ती है, जैसेकि इतिहास में मानवता, भाग्य और
व्यक्तिगत विकल्पों के साथ संयोग को पहले कभी नहीं देखा गया था। यह हमारे समय की
कहानी है जहाँ हमारी अलग-अलग दुनियाएँ एक दूसरे के साथ बातचीत कर रही हैं।
• PLOT
कहानी तीन मुख्य पात्रों पर केंद्रित
है जिनका जीवन पिछली त्रासदियों से बर्बाद हो गया है। कहानी बताती है कि सभी
पात्रकैसे परिस्थितियों के कारण एकजुटहो जाते हैं। ये तीनों संगीत के प्रेम
से जुड़े हुए हैं, और इनके माध्यम से फिल्मभारतीय शास्त्रीय कर्नाटक संगीत, राग और समकालीन भारतीय संगीत के तत्वों
की खोज करती है।
•कहानी में एक शास्त्रीय गायक, अन्य
दो युवा संगीतकारों की मदद से अपनीपिछली
त्रासदी पर विजय प्राप्त करती है।
अतीत और वर्तमान, परंपरा और परिवर्तन के बारे में यहएक बेहतरीनकहानी, जिसमें
जैज़ और भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक उत्कृष्ट संयोजन है।
• SUMMARY
कहानी एक ऐसे गाँव से शुरू होती है
जहाँ एक शास्त्रीय कर्नाटक गायिका स्वर्णलता रहती है। उसकी दोस्त वैष्णवी हमेशा एक
वायलिन वादक के रूप में उसका साथ देती है। स्वर्णलता का सपना था कि वह अपने सुदूर
गाँव से दूर एक शहर में एक संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत करे। उसे एक अवसर मिलता है और
स्वर्णलता और वैष्णवी दोनों (अपने-अपने बच्चों के
साथ) शहर के लिए एक बस में अपनी यात्रा शुरू करते हैं। हालांकि, बस
दुर्घटना का शिकार हो जाती है और पुल से नदी में गिर जाती है। हादसे में वैष्णवी कीऔर स्वर्णलता के बेटे की मौत हो जाती है। लेकिन यह स्वर्णलता के लिए
एक बुरा सपना बन जाता है। वह स्वयं को इस घटना के लिए उत्तरदायी मान लेती है और
बीस साल तक आत्म-निर्वासन में चली जाती है। अपने को स्वयं में ही कैद कर लेती है।
•वैष्णवी का बेटा अभिनय शहर मेंजिंगल बनाता था परन्तु वह इन छोटी-छोटी
चीजोंमें अपना समय बर्बाद करने के बजाय
संगीत की दुनिया में स्वयं को असली कलाकार साबित करना चाहता है।
•20 साल बाद वैष्णवी का बीटा अपनी माँ
की बरसी पर गाँव आता है। गाँव में अभिनयके पिता रहते हैं।उनकी संगीत में
बिलकुल भी रूचि नहीं है।वो अभिनय को इससे
दूर रहने के लिए कहते हैं।कहानी में पिता
और पुत्र के संबंधों को दर्शाया है।अभिनय
के पिता उसकी माँ की परवाह नहीं करते थे और उस की मृत्यु के बाद भी उसे ही दोषी
मानते हुए शिकायत करते रहते हैं । अभिनय को अपने पिता का यह रूप पसंद नहीं
है।एक दिन अभिनय को अपनी माँ की वायलिन
मिल जाती है।एक दिन अभिनय स्वर्णलता की
मधुर आवाज़ सुनता है जब वह नदी के किनारे गानागा
रही होती है। इस प्रकार गाँव में वह स्वर्णलता से मिलता है, लेकिन स्वर्णलता
को डर है कि अभिनयअपनी माँ की मौत के लिए
उसे दोषी ठहराएगा।
•संयोग से प्रियंका उर्फ पिंकी उसी
गाँवमें अभिनय से मिलती है और उसे
प्रोत्साहित करने का फैसला करती है। वे दोनों जब शहर जा रहे होते हैं तो उन्हें दो
अन्य कलाकार मिलते हैं और वे उनदो अन्य
कलाकारों, एक जैज़ (ड्रम वादक) और एक गिटारवादक को अपने साथ जोड़ते हैं और एक
संगीत मंडली शुरू करते हैं।
•पिंकी की माँ (मिसिस कपूर), जोकि
संगीत को पसंद करती हैं, उन सभी को उनके स्टोर में प्रैक्टिस
करने की अनुमति दे देतीं हैं।
•वास्तव में पिंकीकी माँ को अच्छा लगता है कि नौजवान कला और
संगीत से जुड़े रहें।वह पिंकी के पिता की
मृत्यु के बाद थोड़ी सी ज्यादा परवाह करती हैं जिसे पिंकी समझ नहीं पाती है और उनसे
बहस करती रहती है।
•मिसिस कपूर पिंकी को उसके पिता के
बारें में बताती हैं कि किस तरह से उसके पिता शराब पीकर उसे मारा पीटा करते थे और
किस तरह से उसके पिता ने शराब पीकर तेज गाड़ी चलाते हुए कितने ही गॉव वालों को मार
दिया था।मिसिस कपूर पिंकी के पिता को उन
सभी की मृत्यु का उत्तरदायी मानती हैं।
•संगीत मण्डली अच्छा करती है लेकिन वे
स्वयं की ही उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। अभिनय को अपने बैंड में स्वर्णलता की आवाज़ की कमी महसूस होती है। हार से परेशान, अभिनयगाँवलौटता है और स्वर्णलता से उनके समूह में आने और गाने के लिए विनती करता है।
इसी बीच अभिनय के पिता स्वर्ण लता से अभिनय से दूर रहने के लिए कहते हैं। वह कहते
है की संगीत में कुछ नहीं रखा है। इस पर स्वर्णलता बहुत नाराज होती है और वह अभिनय
के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है।
•हालाँकि, वादा करने के
बाद भी वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकी क्योंकि शहर जाते हुए उनकी कार खराब हो
जाती है और जैसे ही स्वर्ण लता बस में बैठने के लिए जाती है उसकी पुरानीयादें ताज़ा हो जाती हैं और वह चीखते हुए बस से
उतर कर घर की ओरभाग जाती है। पुल पार
करते समय उसे उसका अतीत (बस दुर्घटना) सताता है।
•स्वर्ण लता के पतिउसकी इस मानसिक स्थिति को समझते है और उसकी मदद
करना चाहते है ताकि वह उस दुख को भूलकर अपनासामान्य जीवन जी सके और वह सब प्राप्त कर सके जो वह पाना चाहती थी। इसीलिए
वह हमेशा उसे अभिनय की सहायता करने के लिए प्रेरित करते हैं।
•अभिनय के संगीत के प्रति लगाव को देखते हुए
स्वर्ण लता पिंकी को कर्नाटक संगीत (सिंधु भैरवी ) में प्रशिक्षित करने का फैसला
करती है। पिंकी इसे स्वीकार कर लेती है क्योंकि वह जानती है कि उसके पिता ही इन
गॉव वालों की मृत्यु के लिए उत्तरदायी थे।
•संगीत के प्रति अपने जुनून के अलावा,
स्वर्णलता,
अभिनयऔर पिंकी कुछ और भी साझा करते हैं और वो है पुल
पर पुरानी दुर्घटना। पिंकी के पिता नशे की हालत में लापरवाही से अपनी कार चलाते
हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं। स्वर्ण लता अपने पुत्र और सहेली को बस दुर्घटना
में खो देती है और अभिनय अपनी माँ को।
•स्वर्ण लता से पिंकी को कर्नाटक संगीत
का पूरा प्रशिक्षण मिलता है और अब वह समूह मंच पर प्रस्तुति देने के लिए पूरी तरह
तैयार है। लेकिन अभिनय और पिंकी चाहते हैं कि स्वर्णलता उनके समूह में आए और गाए,
परन्तु
स्वर्ण लता ने इस बात के लिए मना कर दिया।
•अभिनय और पिंकी शहर में एक समारोह का
आयोजन करते करते हैं और स्वर्ण लता के बहुत मनाने का प्रयास करते हैं परन्तुवह नहीं मानती।
•परन्तु उन्हें आशचर्य चकित करते हुए स्वर्णलता कार्यक्रम में आती है और अभिनय से
कहती है कि संगीत एक कभी न खत्म होने वाली यात्रा है और मैं तुम्हारे लिए गाऊँगी
-मेरे बच्चे।पिंकी के कहने पर स्वर्णलता
गाना शुरू कर देती है। मंच प्रदर्शन की विशेषता होती है - कर्नाटक और पश्चिमी
संगीत का सही मिश्रण है, जिसे फ्यूजन संगीत कहा जाता है।
•शहर में प्रदर्शन करने के स्वर्णलता के
सपने को पूरा करने और क्लासिक और पश्चिमी संगीत को सही तालमेल के साथ सम्मिश्रण
करने के अभिनय के सपने के साथ कहानी एक सुखद नोट पर समाप्त होती है।
• 'Morning Raaga' is about the union of two different
worlds. It is a story that brings together modern and traditional thinking,
combining the past with the present, Carnatic music with Western music in such a
way that was never seen, earlier, in the history of the coincidence with
humanity, fate and personal choices. This is the story of our times where our
different worlds are interacting with each other.
• The story focuses on three main characters whose lives
have been ruined by past tragedies. The story tells how all the characters come
together due to circumstances. All three are linked by a love of music, and
through these the film explores elements of Indian classical Carnatic music,
ragas and contemporary Indian music.
• In the story, a classical singer overcomes her past
tragedy with the help of two other young musicians. A wonderful story about
past and present, tradition and change, a classic amalgamation of jazz and
Indian classical music.
• The story begins in a village where Swarnalata, a
classical Carnatic singer, lives. Her friend Vaishnavi always accompanies him
as a violinist. Swarnalata had a dream to perform a concert in a city far from
her remote village. She gets an
opportunity and both Swarnalata and Vaishnavi (along with their respective
children) start their journey in a bus to the city. However, the bus meets with
an accident and falls into the river from the bridge. Vaishnavi and
Swarnalata's son die in the accident. But it turns out to be a nightmare for
Swarnalata. She holds herself responsible for the incident and goes into
self-exile for twenty years. She imprisons himself.
• Vaishnavi's son used to make jingles in the acting city
but instead of wasting his time in these small things, he wants to prove himself
as a real artist in the world of music.
• After 20 years, Vaishnavi's son comes to the village on
his mother's death anniversary. Abhinay's father lives in the village. He has
no interest in music at all. He tells Abhinay to stay away from it. The story
depicts the relationship between father and son. Abhinay's father did not care
for his mother and even after her death, keeps complaining, and blaming her.
Abhinay does not like this behaviour and attitude of his father. One day
Abhinay gets his mother's violin. One day Abhinay hears Swarnalata's melodious
voice while she is singing a song by the river. Thus, in the village he meets
Swarnalata, but Swarnalata fears that Abhinaya will blame her for her mother's
death.
• Incidentally, Priyanka aka Pinky meets Abhinay in the same
village and decides to encourage her. When the two of them are on their way to
town, they meet two other artists and they enlist two other artists, a jazz
(drum player) and a guitarist, and start a musical troupe.
• Pinky's mother (Mrs. Kapoor), who loves music, allows them
all to practice in her store.
• In fact, Pinky's mother loves young people to be involved
in art and music. She cares a little more after the death of Pinky's father
which Pinky does not understand and keeps on arguing with him.
• Mrs. Kapoor tells Pinky about her father, how her father
used to beat her after drinking and how her father had killed many villagers
while driving a drunken vehicle. Mrs Kapoor holds Pinky's father responsible
for all of their deaths.
• The music troupe does well but they could not live up to
their own expectations. Abhinay misses Swarna Lata's voice in his band.
Distressed by the defeat, Abhinay returns to the village and begs Swarnalata to
come and sing in their group. Meanwhile, Abhinay's father Swarna tells Lata to
stay away from acting. He says that nothing is kept in music. This angers
Swarnalata and she accepts the offer of acting.
• However, despite the promise, she could not attend the
event as her car breaks down on her way to the city and as soon as Swarna Lata
goes to board the bus her old memories are refreshed and she jumps out of the
bus screaming. She gets down and runs towards the house. While crossing the
bridge, he is haunted by his past (bus accident).
• Swarna Lata's husband understands her mental state and
wants to help her so that she can forget that misery and live her normal life
and achieve all that she wanted. That's why he always motivates her to help her
with acting.
• Seeing the love for music of acting, Swarn Latha decides
to train Pinky in Carnatic music (Sindhu Bhairavi). Pinky accepts this as she
knows that her father was responsible for the death of these villagers.
• Apart from their passion for music, Swarnalata, Abhinay
and Pinky share something else in common and that is the old accident on the
bridge. Pinky's father recklessly drives his car in a drunken state and causes
an accident. Swarn Lata loses her son and friend in a bus accident and Abhinay
her mother.
• Pinky gets full training in Carnatic music from Swarn
Latha and is now all set to perform on the group stage. But Abhinay and Pinky
want Swarnalatha to come and sing in their group, but Swarnalatha refuses to do
so.
• Abhinay and Pinky organize a function in the city and
Swarna tries to convince Lata a lot but she does not agree.
• But to their surprise, Swarnalatha comes to the show and
tells Abhinay that music is a never-ending journey and I will sing for you - my
children. On Pinky's behest, Swarnalata starts singing. Stage performance is
characterized by - the perfect blend of Carnatic and Western music, which is
called fusion music.
• The story ends on a happy note with Swarnalatha fulfilling
her dream of performing in the city and acting as she dreams of blending
classic and western music in perfect harmony.
Business letters are the
messengers of business; hence these should be written very carefully to impress
the receiver.Sender should, always,
maintain the essential qualities of the business letter because these qualities
of a business letter make it presentable. Like any other communication, a
business letter also had two essential parts- Verbal and Non-verbal. One can
look at these essentials from different angles—language, content, context,
length, structure, layout, taste, tone, impact and purpose orientation.
Broadly, the qualities of a business letter can be classified as-
1.Inner
Essential Quality
2.Outer
Essential Quality
Let us discuss each of them in
detail.
1.Inner
Quality
It includes verbal as well as
non-verbal aspects of a business letter and refers to the quality of language
and the presentation of a business letter. Some of the essential Inner
qualities are mentioned below-
a.Clarity
Clarity means no
confusion. A message should be clear and easily understandable to the receiver.
The message should clearly indicate its purpose. It must not cover several
ideas in a single sentence. one message should have only one point for
discussion. When many points are discussed in a single message then it makes
message clumsy and confusing. Hence, a message must be divided in separate
sections for different points.
b.Conciseness
‘Brevity is the
soul of wits’
Conciseness
means brief (short). A message should be precise and to the point. Unnecessary
words and lengthy sentences should be avoided. The short and brief message is
more comprehensive and helps in retaining the receiver’s attention. Unnecessary
details and irrelevant points make message bored and ineffective. Hence,
communication must be concise.
c.Concreteness/Coherency
Concreteness
means solid structure. The message should be concrete. It must not leave any
room for misinterpretation. All the facts and figures should be placed
sequentially as well as clearly in a message. Without coherence a message loses
its concreteness. The language used in the business letter must be coherent.
The message must be in a logical way for the clear understanding of the
message. The flow of the message must be consistent.
d.Correctness/Accuracy
Accuracy
generally means no error in grammar, spelling, punctuations etc. Correctness is
the soul of communication. The message should be correct in the following ways-
·in data presentation (facts and figures),
·in language
·in selection of transfer channel/medium
·time
Communication
should have correct information in correct language. Message should be free
from grammatical and spelling mistakes. Remember, that the correct message has
a greater impact on the receiver.
e.Completeness
Completeness
means that a message should be complete in all the aspects and must include all
the relevant information. The complete information helps in better
understanding and decision making by the receiver. If message does not have
complete details then feedback will not be satisfactory and effective
communication is not possible. Hence, communication must be complete in all the
aspects.
f.Courtesy
Courtesy is the
mark of effective communication. The language used in the business letter must
be courteous. A writer must always use open, friendly, and honest words in his
letter. Letter must include the words like
please, thank you etc. as well as terms that show respect for the receiver.
Polite and positive words should be used in communication. It makes communication
worth reading and consider positively. The following points highlight courtesy:
·Focus on ‘You’ attitude instead of ‘I’ attitude.
·Show interest in the receiver.
·Use polite and positive gestures towards
receiver.
·Be thoughtful and appreciative.
·Use respectful expressions.
g.Consideration
Before writing a
message, sender must take into consideration the receiver’s opinions,
knowledge, mindset, background, etc. in order to have an effective
communication. Message should be audience oriented. It should be constructed by
keeping feeling and view point of the receiver.
h.Relevance
The letter
should contain important information related to the subject only. Irrelevant
information should not be included and it must be avoided in any business
communication.
i.Simplicity
Decorative and
bombastic expression are not meant for business letters. Hence, difficult and
fancy words should not be included in a business letter. Language used in the
business letter must be simple and easy.
j.Neatness
A business
letter must be typed or handwritten neatly. Every element ofbusiness letter should be according to the format.
Proper spacing, indention, and use of paragraph should be used.
k.Timeliness:
Business letters
should follow the rule of proper timing. Letters should be written and
dispatched on time. Some messages have a sense of urgency and they need feedback
‘immediate’ or ‘urgent’, or within a given time frame. Letters which carry such
messages should reflect the associated urgency.
l.Language:
Language is an
extremely important part business communication. First and foremost, it is
necessary to ensure that appropriate language should be used which is well known
to the reader.
m.Style:
Style refers to
the manner of writing. It constitutes the collective characteristics of the
writing as well as their presentation. Though each person has an individual
style but here individual style should be replaced by objective style. (Objective
style means no personal style.)
n.Positive
Approach:
A good business
letter, in the ultimate analysis, is that which has a positive approach. It
creates a friendly atmosphere. It avoids negative feelings. One must be in a
proper frame of mind to write a really good letter.
o.Tone
The tone of the
letter should be professional. One should write a formal Letter
professionally. The tone of your Business Letter should be confident, sincere,
encouraging and polite. It should not appear like a copy-paste or a machine's
work. Then only we can say that the essential Business Letter will act as the
best communication tool.
p.You-attitude:
To ensure
effective writing the writer should put himself or herself in the reader’s
place and then try to realize how the reader will respond to the letter. Your
attitude emphasis the readers rather than the writer.
2.Outer Quality
The outer quality of a business
letter means the quality of its outer appearance. The outer look of the letter
must be catchy and impressive. Some of the outer qualities are
a.Size
of the Paper
The standard
size of paper should be used. An A4 paper is the most used paper for writing a
business letter.
b.Quality
of the Paper
The quality of
the paper used must be good. It is not always possible for a firm to use the
costly paper. One must use good quality paper for original copy and ordinary
copy for the duplicate copy.
c.The
Color of the Paper
Sometimes it is
very useful to use the different color of paper for different types of letter.
The receiver can clearly understand the intention and the purpose of the letter
by its color.
d.Folding
of Letter
One must fold
the letter properly and uniformly. The folding must be done to fit the letter
in the envelope. It is noticeable that one must not over fold the letter. It
will have a bad impression on the reader’s mind.
e.Envelope
The envelope used
must be of good quality. Special attention must be given to the size of the
envelope for fitting the letter.