1.
O soft embalmer of the
still midnight,
Shutting, with careful
fingers and benign,
Our gloom-pleas’d eyes,
embower’d from the light,
Enshaded in
forgetfulness divine:
soft
embalmer- कोमल शान्तिदाता/मदहोश करने वाली, still- शांत, Shutting- बंद करना, benign- दयालु, gloom-pleas’d eyes- दिन भर की थकी हुई आँखें, embower’d - घेरना, forgetfulness- भुलकड़पन।
यह कविता कवि की शारीरिक पीड़ा और भावनात्मक पीड़ा से बचने की लालसा के बारे में है।कवि नींद का आह्वान करता है ताकि वह सपनो की दुनिया में जाकर इस दुनिया की परेशानियों से बच सके। वह नींद से आग्रह करता है कि वह उसे उसके कष्टों से बाहर निकाल ले। कवि नींद के बारे में कहता है कि वह सन्नाटे से भरी अर्धरात्रि में शांति प्रदान करने वाली अर्थात मदहोश करने वाली है जो अपनी सावधान उँगलियों से दयालुता पूर्वक दिनभर की थकी हुई आँखों को बंद कर देती है। आँखे दिन भर रोशनी से घिरी रहती हैं परन्तु नींद हमें इस रोशनी (यानि दिन भर के विचारों, कार्यों, कष्टों और चिंताओं से) से बचाते हुए आलौकिक विस्मृति की दुनिया में ले जाती है जहाँ हम अपने दुखों को भूल जाते है।
अर्थात कवि कहना चाहता है कि दिनभर की परेशानियों और दुखों से बचने का एक ही उपाय है कि हम नींद में सपने देखें और इन सपनों में पहुँचकर इस दुनिया की परेशानियों को भूल जाये।
2.
O soothest Sleep! If so
please thee, close
In midst of this thine
hymn my willing eyes,
Or wait the “Amen”, ere
thy poppy throws
Around my bed its
lulling charities.
soothest-शांतिदायक, thee - तुम, thine- तुम्हारा, hymn- प्रार्थना, willing eyes- आँखें जो किसी चीज की इच्छा कर रही हो, ere - इससे पहले कि, poppy- अफ़ीम, lulling- लोरियाँ, charities- कृपा।
इन लाइनों में कवि नींद को सम्बोधित करते हुए उसे ' हे शांतिदायक नींद' कह कर पुकारता है। वह कहता है- हे शान्तिदेने वाली नींद! अगर तुम प्रसन्न हो तो तुम्हारे द्वारा मधुर स्वर में गायी जाने वाली प्रार्थना की बीच में ही मेरी आँखों को बंद कर दो जो बहुत समय से सो जाने की इच्छा कर रही है। या फिर निंद्रा की देवी स्वयं इच्छा की पूर्ति के लिए स्वीकृति दे दे और तुम शीघ्र ही अफीम के द्वारा गाई जाने वाली लोरियों को दयावश मेरे बिस्तर के चारो ओर फैलाकर मुझे मदहोश कर दो।
अर्थात कवि अपनी सभी चिंताओं और कष्टों को भुला देना चाहता है और इसीलिए वह नींद की देवी से प्रार्थना भी करता है। वह कहता है कि जिस तरह से अफीम नामक पौधे के बीजो से बनने वाले पदार्थ का सेवन करके लोग सबकुछ भूल जाते हैं उसी प्रकार नींद अपनी मधुर संगीत में पिरोयी हुई प्रार्थना या फिर लोरियाँ सुनाकर उसे सुला दे ताकि वह इस दुनिया की यातनाओं और परेशानियों को भूल कर प्रसन्न रह सके।
3.
Then save me, or the
passed day will shine
Upon my pillow,
breeding many woes,-
Save me from curious
Conscience, that still lords
Its strength for
darkness, burrowing like a mole;
passed day-
बीता हुआ दिन, pillow- तकिया, breeding- उगना/जन्म देना , woes- दुःख, कष्ट, चिन्ताए, curious- उत्सुक/चेतन, Conscience- अंतरात्मा, lords- बलपूर्वक अधिकार जताना/आतंकित करना , strength- शक्ति, burrowing- बिल खोदना/जमीन खोदना, mole- छुंछुंदर।
कवि अपने कष्टों, दुखों एवं चिंताओं से मुक्त होना चाहता है। इसके लिए वह नींद को सबसे अच्छा उपाय मानता है। जो उसे अपनी संगीतमयी प्रार्थनाओं और दयायुक्त लोरियों से मदहोश करने की ताकत रखती है।
कवि कहता है कि अब तुम मुझे इन सभी कष्टों से बचा लो अन्यथा अगर तुम नहीं आई तो बीता हुआ दिन और उससे सम्बन्धित सभी कष्ट फिर से मेरे ऊपर हावी हो जायेंगें। मेरे तकिये पर अनेको कष्ट जन्म ले लेंगें। यानि अपने बिस्तर पर तकिये पर सर रखे हुए भी उन्ही दिन भर के विचारो में सोच सोच कर परेशान होता रहूँगा। वह नींद से स्वयं को अपनी चेतन अंतरात्मा से भी बचाने की प्रार्थना करता है क्योकि यह अंतरात्मा रात के समय और भी तेजी से काम करती है। यह जाग्रत अंतरात्मा अपनी ताकत के द्वारा उसे रात के अंधकार में बिस्तर पर लेटे हुए भी आतंकित करेगी और जीवन के कष्टों को कुरेदेगी। जिस प्रकार कोई छंछून्दर अपने पास की शांत पड़ी हुई धरती को कुरेदता रहता है।
4.
Turn the key deftly in
the oiled wards,
And seal the hushed
Casket of my soul.
turn -घूमाना, deftly- निपुणतापूर्वक, oiled -तेल से लेप किये हुए , wards- क्षेत्र (यहाँ पर इसका अर्थ है- वह हिस्सा जहाँ ताला लगाने के लिए चाबी घूमती है), hushed-निस्तब्ध (बिना आवाज के), Casket- पिटारा/पोटली/बक्सा।
कवि नींद को सभी कष्टों से मुक्त कराने वाली युक्ति मान चुका है अतः वह नींद से आने का आवाहन करता है ताकि वह कवि को बीती हुए दिन के कष्टों और उसकी अपनी अंतरात्मा से बचा सके।
अब कवि नींद से कहता है कि तुम जल्दी से आ जाओ और मेरी इस अंतरात्मा को एक शांत (जिसमें कोई आवाज न आये) पिटारे में पूर्ण रूप से सुरक्षित रख दो और बड़ी ही निपुणता के साथ अब उस पिटारे की चाबी घुमा कर उसे बंद करा दो। याद रहे चाबी घूमाते समय कभी कभी चाबी के घूमने की आवाज सुनाई देती है अतः तुम पहले से ही तेल युक्त चाबी वाले हिस्से का प्रयोग करना (ताकि आवाज न हो) पिटारा बंद करते समय कई भी आवाज नहीं होनी चाहिए ।