THE PLOT IN
THE SHORT STORY
'Plot' is the term used to describe the sequence of events in a story.
It is used
to map out the main story before beginning the writing process. The plot helps
to decide the sequence of events in a story. It also serves as a creative
outline. An understanding of the plot is, therefore, crucial to make the story
impactful and craft a persuasive narrative. The short story usually has one
plot so it is read in one sitting.
The plot
includes background information, conflict, the climax, and the conclusion of
the story.
There are
five essential parts of the plot:
1. EXPOSITION (INTRODUCTION) – It is the
first part of the plot in a story that introduces the beginning of the story,
characters, setting, etc. It also provides background information.
2. INCITING INCIDENT: It leads the main
character to conflict and begins the plot.
3. RISING ACTION- As the story moves, the
events in the story become complicated, and then the conflict is revealed. All
these events take place between the exposition (introduction) and climax. It is not every event, just the ones that are most important in the story. During the course of action, conflict plays a major role in the development of
the plot.
CONFLICT
–The main part of rising action is conflict. Without a conflict, writer cannot
take his story ahead. This essential element is taken place due to opposite
forces which tie incidents together and moves the plot. Of course, it leads to
a change in course of events.
Remember, it
is not merely limited to arguments rather it can be any form of struggle the
main character faces. There may be only
one central struggle, or there may be many minor classes within a dominant
struggle. There are two types of conflict:
i. Internal Struggle within one's self.
• Character vs. Self- When a character struggles with his/her own soul, physical limitations, choices, etc., conflicts arise.
ii. External Struggle with a force outside one's self
• Character vs. Character- When two or more people in a story struggle against each other conflicts arise.
• Character vs. Nature – The struggles of any character against animals, weather, environment, etc. give rise to conflicts in the story.
• Character vs. Society - Struggles against ideas, practices, or customs of others bring conflict in the story.
4. CLIMAX- This is the highest point of
interest in the story. It is also called the turning point of the story.
Readers stucked in suspense. They start thinking about how the conflict will
be resolved or will it be unresolved. During this time, one of the battling
forces wins and the conflict is resolved. intense conflict, which leads to a
change in course of events and gives the reader a new understanding of the
story, either through an event or an insight.
The climax
is a three-fold phenomenon:
i. the main character receives new information
ii. the main character accepts this information
iii. the main character acts on this information
5. Falling action - Falling action includes
the events between climax and Resolution. Now events and complications start to
settle into place.
TYPES OF PLOTS
1. Simple Plot- It has only one main story
line.
2. Complex Plot- It has more than one story
lines that are connected to the main story.
3. Loose plot- It has loosely packed
events in a plot.
4. Organic Plot- It is also called a
natural plot that has a strong connection between the two consecutive
incidents. Story flows naturally without any burdened incidents.
कथानक
कथानक
लघुकथा के प्रमुख तत्वों
में से एक है।
यह मूल विचार को
विकसित करने के लिए
घटनाओं को व्यवस्थित करता है और कहानी को आगे बढ़ाता है। इसलिए, यह कहा जाता
है कि एक कहानी का कथानक शुरुआत, मध्य और अंत
वाली घटनाओं की एक योजनाबद्ध,
तार्किक श्रृंखला है।
इसका
उपयोग लेखन प्रक्रिया शुरू
करने से पहले मुख्य
कहानी को सही स्वरूप देने
के लिए किया जाता
है। कथानक एक कहानी में
घटनाओं के क्रम को
तय करने में मदद
करता है। यह एक
रचनात्मक रूपरेखा के रूप में
भी कार्य करता है। इसलिए,
कहानी को प्रभावशाली बनाने
और प्रेरक कथा को गढ़ने
के लिए कथानक की
समझ महत्वपूर्ण होती है। लघुकथा में
आमतौर पर एक ही कथानक
होता है इसलिए इसे
एक बैठक में पढ़ा
जाता है।
कथानक
में पृष्ठभूमि की जानकारी, संघर्ष, चरम बिंदु (climax ) और कहानी का
निष्कर्ष शामिल है।
कथानक
के पाँच आवश्यक भाग
हैं:
1. प्रस्तावना (परिचय) - यह कहानी के कथानक का पहला भाग
है जो कहानी की
शुरुआत, पात्रों, कहानी की परिस्थिति आदि का परिचय
देता है। यह पृष्ठभूमि
की जानकारी भी प्रदान करता
है।
2. उद्घाटन
घटना: यह मुख्य चरित्र
को संघर्ष की ओर ले
जाती है और कथानक की शुरूवात करती है।
3. आरोह (rising action ) - जैसे-जैसे कहानी
आगे बढ़ती है कहानी की
घटनाएँ जटिल होती जाती
हैं और फिर संघर्ष
का पता चलता है।
ये सभी घटनाएं प्रस्तावना (परिचय) और कहानी के चरमबिंदु के
बीच होती हैं। कार्रवाई
के दौरान, कथानक के विकास में
संघर्ष एक प्रमुख भूमिका
निभाता है।
संघर्ष
- जैसे जैसे कहानी बढ़ती है उसका मुख्य तत्व संघर्ष उतपन्न होने लगता है। बिना संघर्ष
के लेखक अपनी कहानी
को आगे नहीं बढ़ा
सकता। यह आवश्यक तत्व
विपरीत शक्तियों के कारण होता
है जो घटनाओं को
आपस में जोड़ती हैं
और कथानक को आगे बढ़ाती हैं। बेशक, यह संघर्ष घटनाओं के
क्रम में बदलाव की
ओर जाता है।
याद रखें, यह केवल तर्कों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह किसी भी प्रकार का संघर्ष हो सकता है जिसका मुख्य पात्र सामना करता है। यह केवल एक केंद्रीय संघर्ष हो सकता है, या एक प्रमुख संघर्ष के भीतर कई छोटे मतभेद हो सकते हैं। संघर्ष दो प्रकार के होते हैं:
१. आंतरिक संघर्ष (स्वयं के भीतर)-
• पात्र का संघर्ष - जब कोई पात्र अपनी आत्मा, शारीरिक
सीमाओं, विकल्पों आदि के साथ
संघर्षविरोद में रहता है तो
संघर्ष उत्पन्न होता है।
२. बाहरी संघर्ष (स्वयं के बाहर की ताकत के साथ)-
• एक पात्र बनाम दूसरा पात्र - संघर्ष का एक कारण यह है कि एक कहानी में दो या दो से अधिक पात्र एक दूसरे के खिलाफ संघर्ष करते हैं
• पात्र बनाम प्रकृति - जानवरों, मौसम, पर्यावरण आदि के खिलाफ
किसी भी चरित्र का
व्यवहार भी कहानी में संघर्षों को
जन्म देता है।
• पात्र बनाम समाज - दूसरों के विचारों, प्रथाओं
या रीति-रिवाजों के
खिलाफ होना भी कहानी में संघर्ष लाता
है।
4. CLIMAX- कहानी में
यह उच्चतम
बिंदु है जो अत्यंत ही रुचिकर होता है। इसे कहानी
का टर्निंग पॉइंट भी कहा जाता
है। पाठक सस्पेंस में
फंस जाते हैं। वे
सोचने लगते हैं कि
विवाद कैसे सुलझाया जाएगा
या फिर यह अनसुलझा रहेगा। इस समय के
दौरान, दो विरोधी पक्षों में से
एक जीत जाता है
और संघर्ष सुलझ जाता है।
तीव्र संघर्ष घटनाओं के
क्रम में बदलाव की
ओर ले जाता है
और पाठक को कहानी
की एक नई समझ
देता है। यह किसी घटना या अंतर्दृष्टि
के माध्यम से किया है ।
चरमोत्कर्ष एक त्रिपक्षीय घटना है जिसमें :
१. मुख्य पात्र को नई जानकारी प्राप्त होती है
२. मुख्य पात्र इस जानकारी को
स्वीकार करता है
३. मुख्य
पात्र इस जानकारी पर
कार्य करता है
5. अवरोह ( Falling Action) - फॉलिंग एक्शन में चरम बिंदु (climax )और
के बीच की
घटनाएं शामिल हैं। अब घटनाएँ
और जटिलताएँ अपने स्थान पर
बसने लगती हैं।
6. स्थिरता (निष्कर्ष) - कहानी में कथानक की स्थिरता कहानी की घटनाओं का अंतिम परिणाम होता है।
कथानकों के प्रकार
1. साधारण कथानक - इसमें केवल एक मुख्य कहानी है।
2. जटिल कथानक - इसमें एक से अधिक स्टोरी लाइन हैं जो मुख्य कहानी से जुड़ी
हैं।
3.
ढीला कथानक - इसमें एक प्लॉट में ढीले-ढाले इवेंट होते हैं।
4. प्राकृतिक कथानक - इस तरह के कथानक में लगातार दो घटनाओं के
बीच गहरा संबंध होता है। कहानी बिना बोझिल घटनाओं के स्वाभाविक रूप से बढ़ती है।