Short story
The Eyes Are Not Here (text and Hindi)
I had the compartment to myself up to Rohana, and then a girl got in . the couple who saw her off were probably her parents; they seemed very anxious about her comfort, and the women gave the girl detailed instructions as to where to keep her things, when not to lean out of the windows, and how to avoid speaking to strangers. They said their good-byes; the train pulled out of the station.
मेरे पास रोहाना तक का डिब्बा (रेलगाड़ी का) था, और फिर एक लड़की अंदर आ गई। जिस जोड़े ने उसे विदा किया वह शायद उसके माता-पिता थे; वे उसके आराम के बारे में बहुत चिंतित लग रहे थे, और महिलाओं ने लड़की को विस्तृत निर्देश दिए कि उसे अपना सामान कहाँ रखना है, कब खिड़कियों से बाहर नहीं झुकना है, और अजनबियों से बात करने से कैसे बचना है। उन्होंने अलविदा कहा; ट्रेन स्टेशन से बाहर निकाल पड़ी।
As I was totally blind at the time, my eyes sensitive only to light and darkness, I was unable to tell what the girl looked like; but I knew she wore slippers from the way they slapped against her heels. It would take me some time to discover something about her looks and perhaps I never would. But I liked the sound of her voice, and even the sound of her slippers.
चूंकि मैं उस समय पूरी तरह से अंधा था, मेरी आंखें केवल प्रकाश और अंधेरे के प्रति संवेदनशील थीं, मैं यह नहीं बता पा रहा था कि लड़की कैसी दिखती है; लेकिन जिस तरह से उसकी चप्पल उसकी एड़ी से टकराई, मुझे पता चल गया था कि उसने चप्पल पहनी थी। उसके सौंदर्य के बारे में कुछ पता लगाने में मुझे कुछ समय लगेगा और शायद मैं ऐसा कभी नहीं कर पाउँगा। लेकिन मुझे उसकी आवाज़ और यहाँ तक कि उसकी चप्पलों की आवाज़ भी अच्छी लगी।
‘Are you going all the way to Dehra?’ I asked. I must have been sitting in a dark corner because my voice started her. She gave a little exclamation and said,’ I didn’t know anyone else was here.’ Well, it often happens that people with good eyesight fail to see what is right in front of them. They have too much to take in, I suppose. Whereas people who cannot see (or see very little) have to take in only the essentials, whatever registers most tellingly on their remaining senses.
' 'क्या आप देहरा जा रही हैं?' मैंने पूछा। मैं जरूर एक अंधेरे कोने में बैठा रहा हूँगा क्योंकि मेरी आवाज पर उसने बोलना शुरू किया था। उसने थोड़ा आश्चर्य प्रगट किया और कहा, 'मुझे नहीं पता था कि कोई और भी यहाँ था। वैसे अक्सर ऐसा होता है कि अच्छी नजर वाले लोग यह नहीं देख पाते कि उनके ठीक सामने क्या है। मुझे लगता है कि उनके पास दिखने के लिए बहुत कुछ है। जबकि जो लोग देख नहीं सकते (या बहुत कम देख सकते हैं) उन्हें केवल उन आवश्यक चीजों को ही अनुभव करना पड़ता है, जो उनकी शेष इंद्रियों पर सबसे अधिक स्पष्ट रूप से दर्ज होता है
“I didn’t see you, either,” I said. “But I heard you come in.” I wondered if I would be able to prevent her from discovering that I was blind. I thought to myself, Provided I keep to my seat, it shouldn’t be too difficult. The girl said, ‘I’m getting down at Saharanpur. My aunt is meeting me there.’ Then I Had better no be too familiar,’ I said. ‘Aunts are usually formidable creatures. ‘Where are you going?’ she asked. ‘To dehra, and then to Mussoorie.’ ‘Oh, how lucky you are, I wish I were going to Mussoorie. I love the hills. Especially in October.’
"मैंने भी आपको नहीं देखा," मैंने कहा। "लेकिन मैंने तुम्हें अंदर आते हुए सुना। " मैं सोच रहा था कि क्या मैं उसे यह पता लगाने से रोक पाऊंगा कि मैं अंधा था। मैंने मन ही मन सोचा, बशर्ते मैं अपनी सीट पर रहूँ , ऐसा करना बहुत कठिन नहीं होना चाहिए। लड़की ने कहा, 'मैं सहारनपुर में उतर रही हूँ। मेरी चाची मुझसे मिलने आ रही है।' तब बेहतर होगा कि मैं आपसे बहुत परिचित न बढ़ाऊँ , 'मैंने कहा। 'चाची आमतौर पर दुर्जेय प्राणी होती हैं। 'कहाँ जा रहे हो?' उसने पूछा। 'डेहरा और फिर मसूरी।' 'ओह, तुम कितने भाग्यशाली हो, काश मैं मसूरी जा रही होती। मुझे पहाड़ियों से प्यार है। खासकर अक्टूबर में।'
‘Yes this is the best time, ‘I said calling on my memories. The hills are covered with wild dahlias, the sun is delicious, and at night you can sit in front of a log-fire and drink a little brandy. Most of the tourists have gone, and the roads are quite and almost deserted. Yes October is the best time.’ She was silent, and I wondered if my words had touched her, or whether she thought me a romantic fool. Then I made a mistake. ‘What is it like?’ I asked. She seemed to find nothing strange in the question. Had she noticed already that I could not see? But her next question removed my doubts. ‘Why don’t you look out the window?’ she asked.
'हाँ यह सबसे अच्छा समय है,' मैंने अपनी यादों को ताजा करते हुए कहा। पहाड़ियाँ जंगली दहलिया से आच्छादित हैं, सूरज बहुत सूंदर होता है, और रात में आप लॉग-फायर के सामने बैठ सकते हैं और थोड़ा ब्रांडी पी सकते हैं। अधिकांश पर्यटक वहाँ से चले गए हैं, और सड़कें काफी शांत और लगभग सुनसान हैं। हाँ अक्टूबर सबसे अच्छा समय है।' वह चुप थी, और मुझे आश्चर्य हुआ कि क्या मेरे शब्दों ने उसे छुआ है, या क्या उसने मुझे रोमांटिक मूर्ख समझा है। फिर मैंने गलती कर दी । 'यह कैसा है?' मैंने पूछा। उसे इस प्रश्न में कुछ भी अजीब नहीं लग रहा था। क्या उसने पहले ही नोटिस कर लिया था कि मैं देख नहीं सकता? लेकिन उसके अगले सवाल ने मेरे संदेह को दूर कर दिया। 'तुम खिड़की से बाहर क्यों नहीं देखते?' उसने पूछा।
I moved easily along the berth and felt for the window-ledge. The window was open, and I faced it, making pretence, of studying the landscape. I heard the panting of the engine, the rumble of the wheels, and in my mind’s eye, I could see the telegraph-posts flashing by. ‘Have you noticed,’ I ventured, that the trees seem to be moving while we seem to be standing still? ‘That always happens,’ she said. ‘Do you see any animals? Hardly any animals left in the forests near Dehra.’
मैं आसानी से बर्थ के साथ-साथ चला और मैंने खिड़की के किनारे को महसूस किया। खिड़की खुली थी, और मैंने खिड़की की ओर मुहँ किया और, ढोंग करते हुए, परिदृश्य का अध्ययन किया। मैंने इंजन के हांफने, पहियों की गड़गड़ाहट और अपने दिमाग की आंखों में टेलीग्राफ-पोस्ट को चमकते हुए देखा। 'क्या तुमने ध्यान दिया,' मैंने साहस किया, कि पेड़ हिलते हुए प्रतीत होते हैं जबकि हम स्थिर खड़े प्रतीत होते हैं? 'ऐसा हमेशा होता है,' उसने कहा। 'क्या आपको कोई जानवर दिखाई देता है? देहरा के पास के जंगलों में शायद ही कोई जानवर बचा हो।'
I turned from the window and faced the girl, and for a while we sat in silence. ‘you have an interesting face,’ I remarked. I was becoming quit daring, but it was a safe remark. Few girls can resist flattery. She laughed pleasantly, a clear ringing laugh. ‘It’s nice to be told I have an Interesting face. I am tired of people telling me I have a pretty face.’ ‘Oh, so you do have a pretty face.’ Thought I, and aloud I said, “Well, an interesting face can also be pretty.”
मैं खिड़की से मुड़ा और लड़की का सामना किया, और कुछ देर हम चुप बैठे रहे। 'आपके पास एक दिलचस्प चेहरा है,' मैंने टिप्पणी की। मैं हिम्मती बन रहा रहा था, लेकिन यह एक सुरक्षित टिप्पणी थी। लेकिन कुछ लड़कियाँ चापलूसी का विरोध कर सकती हैं। वह बहुत सभ्यता से हँसी, एक स्पष्ट बजती हुई हँसी। 'यह बताना अच्छा लगा कि मेरे पास एक दिलचस्प चेहरा है। मैं उन लोगों से थक गयी हूँ जो मुझे मेरा चेहरा सुंदर बताते हैं।' 'ओह, तो तुम्हारा चेहरा सुंदर है।' मैंने सोचा, और जोर से मैंने कहा: एक दिलचस्प चेहरा सुंदर भी हो सकता है।
‘You are very gallant young man,’ she said. ‘But why are you so serious? I thought then, that I would try to laugh for her,’ but the thought of laughter only made me feel troubled and lonely. We’ll soon be at your station,’ I said. ‘Thank goodness it’s a short journey. I can bear to sit in a train for more than two or three hours.’ Yet I was prepared to sit there for almost any length of time, just to listen to her talking.
उसने कहा, 'आप बहुत बहादुर युवक हैं।' 'लेकिन तुम इतने गंभीर क्यों हो? तब मैंने सोचा था कि मुझे उसके लिए हँसने की कोशिश करनी चाहिए 'लेकिन हंसी के विचार ने ही मुझे परेशान और अकेला महसूस करा दिया। हम जल्द ही आपके स्टेशन पर होंगे,' मैंने कहा। 'भगवान का शुक्र है कि यह एक छोटी यात्रा है। मैं ट्रेन में दो या तीन घंटे से अधिक बैठना सहन कर सकता हूं।' हालाँकि मैं लगभग कितनी भी देर वहाँ बैठने के लिए तैयार था,बस उसकी बातें सुनने के लिए।
Her voice had the sparkle of a mountain stream. As soon as she left the train, she would forget our brief encounter; but it would stay with me for the rest of the journey and for some time after. The engine’s whistle shrieked, the carriage wheels changed their sound and rhythm. The girl got up and began to collect her things. I wondered if she wore her hair in a burn, or if it was plaited, or if it hung loose over her shoulders, or if it was cut very short.
उसकी आवाज़ में पहाड़ की धारा की चमक थी। जैसे ही वह ट्रेन से छूटती, वह हमारी संक्षिप्त मुलाकात को भूल जाती; परन्तु वह शेष यात्रा तक मेरे साथ रहेगी और उसके बाद कुछ समय तक भी । इंजन की सीटी बजी, गाड़ी के पहियों ने अपनी आवाज और लय बदल दी। लड़की उठी और अपना सामान समेटने लगी। मुझे आश्चर्य हुआ कि क्या उसने अपने बालों का जूड़ा बनाया हुआ था , या चोटी , या उसके बल कंधों पर ढीला लटके हुए थे , या ये बहुत छोटे थे।
The train drew slowly into the station. Outside, there was the shouting of porters and vendors and a high-pitched female voice near the carriage door which must have belonged to the girl’s aunt. ‘Good-bye,’ said the girl. She was standing very close to me, so close that the perfume from her hair was tantalizing. I wanted to raise my hand and touch her hair,’ but she moved away, and only the perfume still lingered where she had stood. ‘You may break, you may shatter the vase if you will, but the scent of the roses will linger there still…..
ट्रैन धीरे-धीरे स्टेशन पर आ गई। बाहर, गाड़ी के दरवाजे के पास कुलियों और वेंडरों की चीख-पुकार और एक महिला की तेज आवाज थी जो लड़की की चाची की रही होगी। 'अलविदा', लड़की ने कहा। वह मेरे बहुत पास खड़ी थी, इतने करीब कि उसके बालों से निकलने वाली सुगंध मुझे ललचा रही थी। मैं अपना हाथ उठाना चाहता था और उसके बालों को छूना चाहता था, 'लेकिन वह चली गई, और केवल इत्र अभी भी वहीं खड़ा था जहाँ वह खड़ी थी। 'तुम चाहो तो कलश कोतोड़ सकते हो, चकनाचूर कर सकते हो, लेकिन गुलाबों की खुशबू अभी भी वहीं रहेगी…..
There was some confusion in the doorway. A man, getting into the compartment, stammered an apology. Then the door banged shut, and the world was shut out again. I returned to my berth. The guard blew his whistle and we off. Once again, I had a game to play with a new fellow- traveler.
द्वार के रस्ते में कुछ भ्रम था। डिब्बे में घुसते हुए एक आदमी ने हकलाते हुए माफी माँग ली। फिर दरवाजा बंद हो गया, और दुनिया फिर से बंद हो गई। मैं अपने बर्थ पर लौट आया। गार्ड ने सीटी बजाई और हम चले गए। एक बार फिर, मेरे पास एक नए साथी-यात्री के साथ खेलने के लिए एक खेल था।
The train gathered speed, the wheels took up their song, the carriage groaned and shook. I found the window and sat in front of it, staring into the daylight that was darkness form me. So many things were happening outside the window. It could be a fascinating game, guessing what went on out there. The man who had entered the compartment broke into my reverie. ‘You must be disappointed,’ he said,’ I’m not as attractive a travelling companion as the one who just left.’
ट्रेन ने रफ्तार पकड़ी, पहियों ने अपना गाना शुरू किया, गाड़ी कराह उठी और हिल गई। मैंने खिड़की को टटोला और उसके सामने बैठ गया, दिन के उजाले में घूर रहा था जो कि अंधेरा था। खिड़की के बाहर बहुत कुछ हो रहा था। यह एक आकर्षक खेल हो सकता है, यह अनुमान लगान कि वहाँ क्या हुआ। वह आदमी जो डिब्बे में दाखिल हुआ था, मेरे दिवास्वप्न में घुस गया । 'आपको निराश हुई होगी ,' उसने कहा, 'मैं एक यात्रा साथी के रूप में उतना आकर्षक नहीं हूँ जितना की वो थी जो अभी-अभी निकली है।'
‘She was an interesting girl,’ I said.’ Can you tell me –did she keep her hair long or short?’ ‘I don’t remember,’ he said, sounding puzzled.’ it was her eyes I noticed, not her hair. She had beautiful eyes but they were of no use to her, she was completely blind. Didn’t you notice?’
'वह एक दिलचस्प लड़की थी,' मैंने कहा। 'क्या आप मुझे बता सकते हैं-क्या उसने अपने बाल लंबे रखे थे या छोटे ?' 'मुझे याद नहीं है,' उसने हैरान होते हुए कहा। मैंने उसकी आँखों पर ध्यान दिया, उसके बालों पर नहीं। उसकी आंखें सुंदर थीं लेकिन वे उसके किसी काम की नहीं थीं, वह पूरी तरह से अंधी थी। क्या तुमने ध्यान नहीं दिया?'
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